बसपा सुप्रीमो मायावती के बदलते तेवर, कांग्रेस को अछूत घोषित कर 2019 के चुनावों में BJP की कर दी जीत लगभग पक्की
By वेद प्रताप वैदिक | Updated: October 5, 2018 11:18 IST2018-10-05T11:13:06+5:302018-10-05T11:18:34+5:30
बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने अपने लिए कांग्रेस को अछूत घोषित कर दिया है और 2019 के चुनावों में भाजपा की जीत को लगभग पक्का कर दिया है।

बसपा सुप्रीमो मायावती के बदलते तेवर, कांग्रेस को अछूत घोषित कर 2019 के चुनावों में BJP की कर दी जीत लगभग पक्की
वेदप्रताप वैदिक
बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने अपने लिए कांग्रेस को अछूत घोषित कर दिया है और 2019 के चुनावों में भाजपा की जीत को लगभग पक्का कर दिया है। उन्होंने छत्तीसगढ़, म.प्र. और राजस्थान में कांग्रेस को झटक दिया है और प्रांतीय पार्टियों को वे अब पकड़ रही हैं। वैसे ही जैसे कि उन्होंने कर्नाटक में कुमार स्वामी के जनता दल (एस) को गले लगा लिया था।
मायावती को कांग्रेस रास नहीं आ रही है। वे हर प्रांत में अपने लिए इतनी सीटें मांग रही हैं कि उनकी मांग कांग्रेस के गले नहीं उतर रही है लेकिन साथ-साथ ही वे सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तारीफ भी करती रहती हैं। इसका मतलब क्या हुआ? उन्होंने अपने लिए अभी एक खिड़की खुली रखी है। कांग्रेस से गठबंधन करने में मायावती को आपत्ति यह भी हो सकती है कि वह राहुल गांधी को अपना नेता कैसे मान लें?
लेकिन यही तर्क यदि उ.प्र. पर लागू किया जाए तो वह अखिलेश के साथ भी गठबंधन करने से परहेज कर सकती हैं। उ।प्र। तो उनका गढ़ है। वहां तो सीटों का बंटवारा और भी मुश्किल है। यदि मायावती ने उ।प्र। में एकला चलो की घोषणा कर दी तो 2019 में मोदी को सत्तारूढ़ होने से कोई नहीं रोक सकता।
यदि उ.प्र. में सपा, कांग्रेस और बसपा तीनों मिलकर लड़ें तो भाजपा स्पष्ट बहुमत से काफी दूर जा पड़ेगी। सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण उसे ही सरकार बनाने का अवसर मिलेगा लेकिन उसमें नेतृत्व-परिवर्तन अवश्यंभावी हो जाएगा। मायावती अगर अपने रवैये पर डटी रहीं तो वे भाजपा के लिए वरदान सिद्ध होंगी। उनके उम्मीदवार जीतें या न जीतें, वे विपक्ष के इतने वोट काट ले जाएंगे कि वह मोदी की डूबती नाव को तिनके का सहारा ही बन जाएगा।