योगेश कुमार सोनी का ब्लॉग: कौशल विकास योजना 3.0 से युवाओं को बंधी उम्मीद
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 14, 2020 02:50 PM2020-10-14T14:50:50+5:302020-10-14T14:50:50+5:30
प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी कार्यालय की ओर से संबंधित विभाग के अधिकारियों को जल्दी ही योजना को लागू करके युवाओं को सभी क्षेत्नों में कोर्स करवा कर रोजगार देने के आदेश दे दिए गए हैं.
रोजगार को बढ़ाने के लिए सरकार कौशल विकास योजना के तीसरे चरण को लागू करने के लिए तैयारी कर रही है. नवंबर के पहले सप्ताह में इसको लागू कर दिया जाएगा. नरेंद्र मोदी सरकार इससे पहले इसको दो चरणों में लागू कर चुकी है जिससे छोटे-बड़े स्तर पर कई लोगों को नौकरी व रोजगार मिल चुका है.
सरकार ने आगामी पांच महीने में आठ लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है. प्रधानमंत्नी कार्यालय की ओर से संबंधित विभाग के अधिकारियों को जल्दी ही योजना को लागू करके युवाओं को सभी क्षेत्नों में कोर्स करवा कर रोजगार देने के आदेश दे दिए गए हैं.
बताया जा रहा है कि समय के अभाव के चलते कौशल परिषद को भी एक्टिव कर दिया गया, जिससे प्रोग्राम की शुरुआत से ही तेजी से कार्य शुरू हो जाए. शीघ्र ही सभी दिशानिर्देश तैयार हो जाएंगे.
कौशल विकास के तीसरे चरण को इसी वर्ष जुलाई महीने में ही शुरू करना था लेकिन कोरोना की वजह से स्थगित हो गया था. कोरोना की वजह से अन्य तमाम योजनाओं में भी देरी हो रही है लेकिन इस योजना से प्रशिक्षण के बाद तुरंत लाखों लोगों को रोजगार मिलना है इसलिए सरकार ने इसको प्राथमिकता दी है.
देश अनलॉक हो रहा है जिस वजह से प्रवासी कामगारों का अपने स्थानों पर लौटने का सिलसिला लगातार जारी है. इस वजह से कौशल विभाग गंभीरता के साथ कामगारों के लिए संचालन प्रक्रि या पर काम करने लग गया था. बीते दिनों ‘असीम’ नाम के पोर्टल को लांच किया गया जिससे बड़े स्तर पर फायदा मिला.
संवाद में पारदर्शिता के साथ इस पोर्टल पर उद्योगों और प्रशिक्षित मजदूरों को काम मिला. सरकार हर व्यवसाय को खोलने में लगी है जिससे बड़ी संख्या में कामगारों को काम मिल रहा है. कौशल विकास के तीसरे चरण में जिला स्तर पर भी काम होगा. जिला कौशल परिषद को स्थानीय स्तर पर संचालित करते हुए रोजगार के मुताबिक प्रशिक्षण का कार्यक्रम तैयार होगा जिससे प्रशिक्षित युवाओं को अपने क्षेत्न में ही रोजगार मिल सके.
इस योजना का दूसरा चरण पिछले साढ़े चार साल तक चला जिसमें देशभर में करीब एक करोड़ युवाओं को रोजगार मिला था जिसमें महिलाओं की संख्या भी बराबर थी. कौशल विकास योजना की वजह से समाज में कम पढ़े-लिखे लोगों को काम के साथ सम्मान मिला है. पूरी दुनिया में कम शिक्षित लोगों को कहीं भी बेहतर नौकरी नहीं मिलती.
कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिनका पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगता या वह गरीबी या घरेलू जिम्मेदारी की वजह से नहीं पढ़ पाते हैं. आज के दौर में तो अशिक्षित होना अभिशाप समझा जाने लगा है. बात स्वाभाविक भी है कि जब तक आप पढ़े-लिखे नहीं हो तो किसी भी कोर्स में दाखिला नहीं मिलता. लेकिन कौशल विकास योजना ने हमारे देश में इस मिथ को तोड़ दिया है.
अब गरीबी या लाचारी इस बात का कारण नहीं बन सकते कि आप अपनी मंजिल पर नहीं पहुंच सकते. इस योजना से आज युवा बेहतर वेतन पा रहे हैं. अशिक्षित व कम शिक्षित लोगों को पहले बेहद कम पैसा मिलता था लेकिन अब इस योजना के आधार पर ऐसे युवा शिक्षित लोगों की तरह वेतन उठा रहे हैं.
प्रधानमंत्नी कौशल विकास योजना मंत्नालय के अलावा सरकार ने स्किल इंडिया में आने वाले नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन, स्किल लोन स्कीम, नेशनल पॉलिसी फॉर स्किल डेवलपमेंट और आंत्नप्रेन्योरशिप के तहत साल 2022 तक कुल चालीस करोड़ लोगों को कुशल बनाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन कोरोना की वजह से इस बड़े लक्ष्य को पूरा करने में एक-दो वर्ष अतिरिक्त लग सकते हैं, क्योंकि बीते दिनों दुनिया के हर देश की अर्थव्यवस्था की हालत बिगड़ गई है.
बहरहाल, कौशल विकास योजना के तीसरे चरण का देश के युवाओं को बेसब्री से इंतजार है. इसी वजह से सरकार अपनी ओर से इसको जल्द अंजाम देने का भरसक प्रयास कर रही है. इससे देश के लाखों युवाओं को एक बार फिर अपना भविष्य बनाने का मौका मिलेगा.