राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023: मानवता की भलाई के लिए ही हो विज्ञान का उपयोग

By योगेश कुमार गोयल | Published: February 28, 2023 02:33 PM2023-02-28T14:33:57+5:302023-02-28T14:43:29+5:30

आपको बता दें कि राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने वर्ष 1986 में केंद्र सरकार को 28 फरवरी के दिन ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ के रूप में मनाए जाने का सुझाव दिया था, जिसके बाद सरकार द्वारा उसी वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का यह प्रस्ताव स्वीकार करते हुए 28 फरवरी के दिन ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई थी।

science should only use for betterment of mankind National Science Day 2023 | राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023: मानवता की भलाई के लिए ही हो विज्ञान का उपयोग

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsआज पूरे देश में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जा रहा है। इस दिवस को महान वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन की स्मृति में मनाया जाता है। ऐसे में इस वर्ष विज्ञान दिवस की थीम ‘वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान’ है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस: आज का युग विज्ञान का युग है. अनगिनत आविष्कारों के कारण आधुनिक युग में मानव जीवन पहले से बहुत ज्यादा आरामदायक हो गया है. बिजली की खोज आधुनिक युग में विज्ञान की सबसे अहम देन मानी जा सकती है क्योंकि आज लगभग सभी कार्य बिजली के द्वारा ही संपन्न होते हैं. 

आखिर क्यों मनाया जाता है ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’

चिकित्सा के क्षेत्र में तो इसी विज्ञान ने ऐसी क्रांतिकारी खोजें की हैं कि अब कई असाध्य मानी जाती रही बीमारियों का इलाज तो मामूली सी गोलियों से ही हो जाता है. नई-नई कोशिकाओं के निर्माण में भी सफलता प्राप्त कर ली गई है.

भारतीय समाज में विज्ञान से होने वाले लाभों और विज्ञान के जरिये लोगों में जागरूकता लाने, युवाओं में वैज्ञानिक सोच पैदा करने और छात्रों को बतौर करियर विज्ञान को चुनने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में एक निर्धारित थीम के जरिये ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ मनाया जाता है. इस वर्ष विज्ञान दिवस की थीम है ‘वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान’. 

क्या है ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ का मुख्य उद्देश्य

यह दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य देशवासियों को दैनिक जीवन में वैज्ञानिक अनुप्रयोग के महत्व के बारे में व्यापक संदेश देने के साथ-साथ देश में वैज्ञानिक सोच वाले नागरिकों को अवसर प्रदान करना भी है. देश में पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था. 

दरअसल राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने वर्ष 1986 में केंद्र सरकार को 28 फरवरी के दिन ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ के रूप में मनाए जाने का सुझाव दिया था, जिसके बाद सरकार द्वारा उसी वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का यह प्रस्ताव स्वीकार करते हुए 28 फरवरी के दिन ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस महान वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन की स्मृति में मनाया जाता है.

विज्ञान के कुछ फायदे तो कुछ नुकसान भी है

मानव हित में विज्ञान के जितने फायदे हैं, वहीं कुछ नुकसान भी हैं और दुरुपयोग की संभावनाएं भी हैं. हमारे जीवन को सुलभ बनाने के साथ ही विज्ञान ने कई प्रकार के गंभीर रोग, प्रदूषण और खतरे भी पैदा किए हैं. नाभिकीय और परमाणवीय प्रयोगों तथा औद्योगिक गतिविधियों के कारण प्रदूषण की समस्या विकराल हो चुकी है. 

बिजली उत्पन्न करने के कार्य में परमाणु ऊर्जा का उपयोग किया जा सकता है लेकिन दूसरी ओर इसी से निर्मित परमाणु हथियार समस्त सृष्टि के लिए अत्यंत विनाशकारी साबित हो सकते हैं. बेहतर यही है कि विज्ञान का उपयोग आवश्यकता और सुविधानुसार मानवता की भलाई के लिए ही किया जाए, न कि इसका दुरुपयोग कर इसके आविष्कारों पर प्रश्नचिह्न लगाने की चेष्टा की जाए.

Web Title: science should only use for betterment of mankind National Science Day 2023

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