पीयूष पांडे का ब्लॉग: जिंदगी एक गेम है तू खेलता जा...
By पीयूष पाण्डेय | Published: September 5, 2020 08:16 PM2020-09-05T20:16:06+5:302020-09-05T22:03:13+5:30
हमारे देश में लोग अपने बच्चों का नाम एक बार रखने के बाद भले न बदलें लेकिन सरकारें इस मामले में बहुत उदार हैं. नाम बदलना सरकारों का प्रिय शगल रहा है. शहरों के, सड़कों के नाम खूब बदले जाते रहे हैं.
सिगरेट, गुटखा, पान मसाला, शराब को प्रतिबंधित कराने की मांग करते-करते लाखों लोग बूढ़े हो गए, लेकिन उनकी मांग उसी तरह ठंडे बस्ते में पड़ी है, जिस तरह कई गांवों में सत्तर सालों से एक अदद स्कूल या एक अदद पुल की मांग ठंडे बस्ते में पड़ी है. लेकिन, पबजी को बैन करने की मांग उठी और वो बैन हो गया. पबजी एक गेम है, जो चीन का है. कई लोगों का मानना है कि चीन की चीज पर प्रतिबंध जरूरी है, तभी चीन के होश ठिकाने आएंगे. ‘चीनी’ नाम का पेटेंट तो जरूर चीन के पास ही होगा.
टेलीविजन चैनलों पर प्राइम टाइम में चीनी शब्द पर किसका अधिकार है, इस पर बहस हो, उससे पहले ही ‘चीनी’ शब्द को आधिकारिक रूप से शक्कर कर दिया जाए. मेरी चिंता है कि ऐसा नहीं हुआ तो रोज रात में घंटों डिबेट होगी और कई एंकर कह सकते हैं कि चीनी को चीनी मानते हुए खाना राष्ट्रद्रोह सरीखा है. हमारे देश में लोग अपने बच्चों का नाम एक बार रखने के बाद भले न बदलें लेकिन सरकारें इस मामले में बहुत उदार हैं. नाम बदलना सरकारों का प्रिय शगल रहा है. शहरों के, सड़कों के नाम खूब बदले जाते रहे हैं. ऐसे में चीनी को शक्कर या कोई और नया फैंसी नाम देने में ज्यादा परेशानी नहीं आनी चाहिए.
भारत में PUBG पर प्रतिबंध
अब बात पबजी खिलाड़ियों की. वे दुखी हैं. कुछ लोग हद से ज्यादा काम करते हैं, इसलिए दुखी रहते हैं. कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके पास कुछ काम नहीं था. वे पबजी खेलकर जीवन काट कर रहे थे. जिस तरह युवा लड़कों की गर्लफ्रेंड छोड़कर चली जाती है तो उन्हें समझ नहीं आता कि वो क्या करें, उसी तरह कई पबजी खिलाड़ियों को समझ नहीं आ रहा कि वो क्या करें. हालांकि, समझ के मामले में सरकारों का हाल भी पबजी खिलाड़ियों सरीखा ही है. मसलन-कोरोना के मामले में किसी को नहीं मालूम क्या करें.
कोरोना भी एक गेम!
एक लिहाज से देखें तो कोरोना भी एक गेम है. कोरोना वायरस वीडियो गेम के राक्षस की तरह हमें डराता है, और हम इधर-उधर भाग रहे हैं. जिस तरह वीडियो गेम में खिलाड़ी को ताकत देने के लिए कभी बंदूक या कभी दूसरी शक्तियां मिलती हैं, वैसे ही हमें मास्क, सैनिटाइजर वगैरह दिए जा रहे हैं. वैसे देखा जाए तो जिंदगी भी एक गेम है. वीडियो गेम में कभी राक्षस, गड्ढा, आतंकी या दूसरी चुनौतियां आती हैं, वैसे ही जिंदगी में कभी महंगाई का गड्ढा आता है, बेरोजगारी की खाई आती है, कोरोना सा राक्षस आता है. अच्छा खिलाड़ी वही है जो सबसे लड़ते हुए आखिरी स्टेज तक पहुंचकर गेम जीत जाए.