शशांक द्विवेदी का ब्लॉग: कोरोना की ही तरह डराने लगा है मंकीपॉक्स

By शशांक द्विवेदी | Published: July 22, 2022 03:52 PM2022-07-22T15:52:25+5:302022-07-22T15:53:49+5:30

मंकीपॉक्स संक्रमण के लिए कोई विशिष्ट ट्रीटमेंट नहीं है। हालांकि अमेरिका में मंकीपॉक्स और चेचक के खिलाफ एक वैक्सीन को लाइसेंस दिया गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक चेचक, खसरा, बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन, खुजली और दवाओं से होने वाली एलर्जी मंकीपॉक्स से अलग होती है। 

Monkeypox is starting to scare like Coronavirus | शशांक द्विवेदी का ब्लॉग: कोरोना की ही तरह डराने लगा है मंकीपॉक्स

शशांक द्विवेदी का ब्लॉग: कोरोना की ही तरह डराने लगा है मंकीपॉक्स

Highlightsमंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।ये वायरस टूटी त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है।छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है।

पिछले दिनों देश में मंकीपॉक्स की पुष्टि हो गई। अब तक देश में दो केस सामने आ चुके हैं। भारत में इस वायरस के मिलने से टेंशन बढ़ गई है। कोरोना वायरस के कहर के साथ-साथ मंकीपॉक्स वायरस अब बड़ी तेजी से दुनिया में अपने पैर पसार रहा है। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करता है तो इसे कोरोना महामारी के समान पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा माना जाएगा और इसके उपचार के लिए विशेष प्रयास और योजनाएं तैयार की जाएंगी।

मंकीपॉक्स वायरस ने दुनियाभर के चिकित्सा विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया है। इस बीच कुछ विशेषज्ञों ने इसकी गंभीरता को देखते हुए इसका बिना भेदभाव और बिना स्टिग्मा वाला नाम रखने की मांग की है। इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसका नाम बदलने पर विचार शुरू कर दिया है और इस बीमारी को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के लिए आपातकालीन समिति का गठन किया है।

मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। ये बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है। ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में चेचक (स्मालपॉक्स) और काउपॉक्स बीमारी फैलाने वाले वायरस भी आते हैं। साल 1958 में रिसर्च के लिए तैयार की गई बंदरों की बस्तियों में यह वायरस सामने आया था और इससे पॉक्स जैसी बीमारी होना पाया गया था।

मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। ये वायरस टूटी त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है। इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरुआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और तीन दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं। 
मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर फ्लू जैसी बीमारी और लिम्फ नोड्स की सूजन से शुरू होते हैं, फिर चेहरे और शरीर पर दाने पड़ने लगते हैं।

अधिकांश संक्रमण 2 से 4 सप्ताह तक चलता है। मंकीपॉक्स संक्रमण के लिए कोई विशिष्ट ट्रीटमेंट नहीं है। हालांकि अमेरिका में मंकीपॉक्स और चेचक के खिलाफ एक वैक्सीन को लाइसेंस दिया गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक चेचक, खसरा, बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन, खुजली और दवाओं से होने वाली एलर्जी मंकीपॉक्स से अलग होती है। 

दुनिया भर के कई देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच अब भारत सरकार ने भी इसे लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी कर डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस यूनिट्स को इस तरह के एक भी मामले को गंभीरता से लेने के लिए कहा है और इसके साथ ही इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के तहत जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए ‘गाइडलाइन ऑन मैनेजमेंट ऑफ मंकीपॉक्स डिजीज’ में स्वास्थ्य मंत्रालय ने निगरानी और नए मामलों की तेजी से पहचान करने पर जोर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइन में कहा है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति की 21 दिनों तक निगरानी की जाएगी। गाइडलाइन में ये भी कहा गया है कि संक्रामक अवधि के दौरान किसी रोगी या उनकी दूषित सामग्री के साथ अंतिम संपर्क में आने के बाद 21 दिनों के लिए रोज निगरानी की जानी चाहिए। 

इसके अलावा, मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अगर किसी में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखते हैं तो टेस्टिंग के बाद ही इसे कंफर्म माना जाएगा। गाइडलाइन में मामलों और संक्रमणों के समूहों और इसके स्रोतों की जल्द से जल्द पहचान करने के लिए एक सर्विलांस स्ट्रेटेजी बनाने की बात कही गई है ताकि आगे इसे फैलने से रोका जा सके। गाइडलाइन में कहा गया है ऐसा इसलिए जरूरी है ताकि क्लीनिकल केयर प्रदान किया जा सके, कॉन्टैक्ट्स की पहचान की जा सके व मैनेज किया जा सके और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को प्रोटेक्ट किया जा सके।

Web Title: Monkeypox is starting to scare like Coronavirus

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे