ब्लॉग: कांग्रेस के नए मुखिया मल्लिकार्जुन खड़गे की राह नहीं होगी आसान

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: October 21, 2022 02:23 PM2022-10-21T14:23:46+5:302022-10-21T14:23:46+5:30

कांग्रेस के नए अध्यक्ष के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे की राह आसान नहीं है. खड़गे ऐसे समय पार्टी के अध्यक्ष चुने गए हैं जब कांग्रेस को नई ताकत की जरूरत है. खड़गे के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कि वे स्वतंत्र होकर फैसला ले सकें.

Mallikarjun Kharge path will not be easy for new Congress chief | ब्लॉग: कांग्रेस के नए मुखिया मल्लिकार्जुन खड़गे की राह नहीं होगी आसान

कांग्रेस के नए मुखिया खड़गे की राह नहीं होगी आसान (फाइल फोटो)

कांग्रेस पार्टी को नया मुखिया मिल गया है. दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गेकांग्रेस के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद शशि थरूर को बड़े अंतर से हराया है. लंबे समय बाद कांग्रेस को नेहरू-गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष मिला है. 24 साल बाद ऐसा हुआ है, जब कांग्रेस को गैर गांधी परिवार से कोई अध्यक्ष मिला है. 

हालांकि, खड़गे को गांधी परिवार की कठपुतली कहा जा रहा है. खड़गे का अपना 50 साल का राजनीतिक अनुभव है. वह कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं. लेकिन बतौर अध्यक्ष अब उनके सामने न केवल पार्टी को संगठित करके आगे ले जाने की चुनौती है, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ-साथ उसके पहले होने वाले 12 राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी को सम्मानजनक जीत दिलाने का दबाव भी होगा. 

देखा जाए तो कांग्रेस के नए अध्यक्ष के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे की राह आसान नहीं है. खड़गे ऐसे समय पार्टी के अध्यक्ष चुने गए हैं जब कांग्रेस को नई ताकत की जरूरत है. इस समय बाहरी तौर पर तो यह नजर आ रहा है कि कांग्रेस में लोकतंत्र है. परिवारवाद की छाया से कांग्रेस फिलहाल अलग नजर आ रही है. लेकिन, वास्तविकता तो यही है कि कांग्रेस को गांधी परिवार से अलग रखकर बात नहीं की जा सकती. 

अब खड़गे के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती होगी कि वे स्वतंत्र होकर पार्टी के लिए फैसला ले सकें. उन्हें गांधी परिवार का प्रतिनिधि होने की छवि से बाहर निकलना होगा. दूसरी बात, कांग्रेस ऐसी स्थिति में पहुंच गई है कि उसमें बड़े संगठनात्मक बदलाव की जरूरत  है. कांग्रेस आज के समय में सबसे बिखरी हुई पार्टी है. 

पार्टी युवा नेताओं की कमी से जूझ रही है. कांग्रेस में केंद्रीय स्तर से लेकर राज्य इकाइयों तक जबर्दस्त गुटबाजी दिखती रही है. मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने कांग्रेस के अंतर्विरोध को खत्म करने की भी चुनौती है. पार्टी को नए सिरे से जोड़ने की जरूरत है. नए लोगों को पार्टी से जोड़ना होगा. उनके सामने पार्टी पर अपना नियंत्रण कायम करना, पार्टी में अंदरूनी कलह खत्म करना, युवाओं, दलितों को पार्टी के साथ जोड़ना और पार्टी को वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में मुकाबले के लिए तैयार करने जैसी चुनौतियों की लंबी फेहरिस्त है. 

एक के बाद एक विधानसभा चुनाव में हार से पार्टी नेता और कार्यकर्ता हताश हैं. अध्यक्ष के तौर पर खड़गे को कार्यकर्ताओं में भरोसा जगाना होगा. पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह अहसास दिलाना होगा कि कांग्रेस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला कर सकती है. कार्यकर्ताओं को एकजुट कर उन्हें बूथ लेवल पर एक्टिव करना काफी जरूरी है. पार्टी में कार्यकर्ता और नेता लगातार हाईकमान कल्चर का आरोप लगाते आए हैं. इसे तोड़ना भी नए अध्यक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. 

Web Title: Mallikarjun Kharge path will not be easy for new Congress chief

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