ब्लॉग: जातीय राजनीति की शरण में ज्योतिरादित्य सिंधिया! शिवपुरी में जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगने की क्यों पड़ी जरूरत?

By प्रमोद भार्गव | Published: May 25, 2023 03:03 PM2023-05-25T15:03:03+5:302023-05-25T15:05:30+5:30

सिंधिया ने दो दिनी यात्रा में एक साथ जैन, वैश्य, बाथम, राठौर, रावत और यादव समाज के लोगों से संवाद की शैली में बातचीत की. इन जातिगत संवादों से लग रहा है कि सिंधिया गुना से चुनाव लड़ने की इच्छा पाले हुए हैं.

Madhya Pradesh Jyotiraditya Scindia why asks forgiveness from people in Shivpuri | ब्लॉग: जातीय राजनीति की शरण में ज्योतिरादित्य सिंधिया! शिवपुरी में जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगने की क्यों पड़ी जरूरत?

जातीय राजनीति की शरण में ज्योतिरादित्य सिंधिया! (फाइल फोटो)

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आजकल मध्यप्रदेश की राजनीति में केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पारंपरिक ‘महाराजा-श्रीमंत’ की छवि तोड़ने में लगे हैं. ऐसा पहली बार देखने में आया कि जैन समाज के नरवर में संपन्न हुए आयोजन में जनता से उन्होंने हाथ जोड़कर अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी. उन्होंने मंच से कहा कि मेरे आपसे राजनैतिक संबंध नहीं हैं. दिल धड़कता है तो आपके लिए, विकास के लिए सोचता हूं तो आपके लिए. फिर भी मुझसे जो गलतियां हुई हैं, तो मैं माफी चाहता हूं. 

सिंधिया ने दो दिनी यात्रा में एक साथ जैन, वैश्य, बाथम, राठौर, रावत और यादव समाज के लोगों से संवाद की शैली में बातचीत की. इन जातिगत संवादों से लग रहा है कि सिंधिया गुना से चुनाव लड़ने की इच्छा पाले हुए हैं. अतएव शिवपुरी के पूर्व विधायक देवेंद्र जैन ने तो सिंधिया से न केवल चुनाव लड़ने का आग्रह किया, बल्कि उनकी हार को जनता की भूल कहा. दरअसल ऐसा इसलिए कहा, क्योंकि देवेंद्र जैन खुद कोलारस से विधायक का टिकट मांग रहे हैं. उनकी दबी इच्छा है कि सिंधिया उनकी पैरवी करें.

इन चर्चाओं में समाजसेवी भरत अग्रवाल ने सिंधिया से कहा कि ‘आप के जो सलाहकार हैं, वह सही जानकारी नहीं देते हैं. इसलिए पांच ऐसे लोगों की टीम बनाएं, जिनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा न हो और इन्हें भी हर दो साल में बदल दें.’ सिंधिया ने इस प्रश्न का उत्तर तो दिया, लेकिन कटाक्ष भी कर दिया. 

उन्होंने कहा, ‘हां मेरी गलती थी, मेरी कमी थी, पर याद रखना, यदि किसी की तरफ एक उंगली आप उठाते हैं तो आप की ओर भी चार उंगलियां उठती हैं. मैं यहां 17 साल से राजनीति में हूं. मैं जानता हूं कि कौन जीरो है और कौन हीरो है. मुझे जमीनी लोग चाहिए, हवाई नहीं. मुझे बताओ मैं किसे सलाहकार बनाऊं? आप अपने समाज के दो ऐसे व्यक्ति बताएं जिनका अपने समाज के अलावा अन्य समाजों में भी सम्मान हो. फिर यदि आप की बात न मानूं तो मुझे दोषी ठहराएं.’ 

यानी सिंधिया माकर चल रहे हैं कि पूरे कुएं में भांग घुली है. लिहाजा इसका निराकरण संभव ही नहीं है. अतएव हालात यथास्थिति में बने रहें, इसी में भलाई है.   

Web Title: Madhya Pradesh Jyotiraditya Scindia why asks forgiveness from people in Shivpuri

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