ब्लॉग: पैगम्बर पर विवादित टिप्पणी मामले में भारत ने खाड़ी देशों का मान रखा, अब उनकी बारी...तभी रिश्ते होंगे मजबूत

By विवेकानंद शांडिल | Published: June 12, 2022 12:43 PM2022-06-12T12:43:32+5:302022-06-12T12:46:51+5:30

पैगम्बर पर विवादित टिप्पणी मामले में भारत ने आज जिस तरह से इस्लामिक देशों का मान रखा है, उसी तरह उन्हें भी एक जिम्मेदार देश के तौर पर अपनी भूमिका निभानी होगी।

India respected the Gulf countries in controversial remarks on Prophet iss, now it's their turn | ब्लॉग: पैगम्बर पर विवादित टिप्पणी मामले में भारत ने खाड़ी देशों का मान रखा, अब उनकी बारी...तभी रिश्ते होंगे मजबूत

ब्लॉग: पैगम्बर पर विवादित टिप्पणी मामले में भारत ने खाड़ी देशों का मान रखा, अब उनकी बारी...तभी रिश्ते होंगे मजबूत

पैगम्बर पर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की ओर से दिए गए विवादित बयान की वजह से भारत से लेकर सऊदी अरब तक राजनीतिक भूचाल मचा है। अरब के देशों की नाराजगी के बाद केंद्र सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस कर स्पष्ट कर दिया है इन विवादित बयानों से भारत सरकार का कोई लेना – देना नहीं है। 

वहीं भारत की यात्रा पर आए ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियन की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के साथ बैठक के दौरान पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी का मुद्दा उठा। बैठक के बाद ईरान के बयान में दावा किया गया है कि ऐसी टिप्पणियां करने वालों पर कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन भारत सरकार की ओर से उन्हें दिया गया है। 

बीते दिन ही दिल्ली पुलिस ने नुपूर शर्मा, ओवैसी सहित 32 लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज किया है जिनके बयानों से धार्मिक भावनायें आहत हुई है।

इन सबके बीच शुक्रवार को प्रायोजित रूप से देश की राजधानी दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से जुमे के बाद विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें आती है। खासकर उत्तर प्रदेश, झारखंड, और पश्चिम बंगाल से पत्थरबाजी और हिंसा की जो तस्वीरें आई वो सचमुच में डरावनी थी। तस्वीरें देख कर हर कोई यहीं पूछ रहा है कि किसी एक की गलती की सजा पूरे देश को क्यों?

देवी – देवताओं की नग्न तस्वीरें बनाने वाले हुसैन को कतर ने दी नागरिकता भारत आज अरब देशों के सम्मान में जरूर झुका है। और भारत सरकार ने सभी इस्लामिक देशों को अश्वस्त किया है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी। लेकिन 2006 में भारत माता की नग्न तस्वीर बनाने पर मशहूर पेंटर एम. एफ . हुसैन का भारत में विरोध हुआ तो उसे कतर ने शरण दी थी। साल 2010 में एम . एफ . हुसैन को कतर की नागरिकता मिली थी। साल 2011 में एम . एफ . हुसैन ने लंदन में आखिरी सांस ली। 

आज भारत ने इतना साहस किया कि गलती करने वालों का धर्म नहीं देखा और उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया। लेकिन नुपूर शर्मा के बयानों के पहले से ही कोर्ट में वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद की चल रही सुनवाई के बीच देश के कई मुसलमानों ने शिवलिंग को लेकर मजाक उड़ाया, अश्लील बातें कही व भड़काऊ बयान दिए। 

इन सबमें से कुछ पर कानूनी कार्रवाई हुई लेकिन इसकी प्रतिक्रिया में इस तरह की हिंसा देखने को नहीं मिली जो 10 जून, 2022 को देश के कई राज्यों से आई तस्वीरों में देश ने देखा। ये घटना सुरक्षा एजेंसियों से लेकर आम लोगों को संदेह में डाला है कि वाकई में ये हिंसा एक व्यक्ति के विवादित टिप्पणी के खिलाफ थी?

अरब के मुस्लिम देशों को आगे आना होगा भारत ने आज जिस तरह से उनका मान रखा है। उनकी आस्था के सम्मान में झुका है। उसी तरह उन्हें भी एक जिम्मेदार देश के तौर पर भारत के मुसलमानों की जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्हें इस प्रकार की हिंसात्मक विरोध – प्रदर्शन से करने से रोकना होगा। भारत को लेकर उनके भीतर के नजरिये को बदलना होगा। तभी भारत और खाड़ी देशों के बीच रिश्ते की मजबूती बनी रहेगी।

Web Title: India respected the Gulf countries in controversial remarks on Prophet iss, now it's their turn

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