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ब्लॉगः भारत में अगले साल जी-20 सम्मेलन....अपने पर्यटन क्षेत्र को नई बुलंदियों पर ले जाने का सुनहरा अवसर

By आरके सिन्हा | Updated: October 17, 2022 15:06 IST

 भारत जी-20 के प्रमुख की हैसियत से बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई को अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित करेगा। एक मोटे अनुमान के अनुसार अगले दो सालों तक भारत में जी-20 सम्मेलन की तैयारी और सम्मेलन में भाग लेने के लिए राष्ट्राध्यक्षों, विदेश मंत्रियों, राजनयिकों, विदेशी मामलों के जानकारों, पत्रकारों वगैरह का भारत में आना होगा।

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भारत में आगामी वर्ष 2023 में आयोजित होने वाला जी-20 शिखर सम्मेलन देश के पर्यटन क्षेत्र को मजबूती देने के लिहाज से एक बेहद अहम अवसर के रूप में सामने आ रहा है। यह सम्मेलन आगामी वर्ष 9 और 10 सितंबर को राजधानी नई दिल्ली में आयोजित होगा। इस सम्मेलन में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा अति महत्वपूर्ण व्यक्ति भाग लेंगे। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक पूरे एक वर्ष के लिए जी-20 की अध्यक्षता करेंगे।

इसके साथ ही देशभर में इस साल दिसंबर से ही बैठकों के दौर शुरू हो रहे हैं। ये बैठकें राजधानी दिल्ली के अलावा देश के अन्य प्रमुख शहरों में होंगी। हमारे प्रधानमंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भारत में ताजमहल के अलावा भी विश्व को देखने के लिए बहुत कुछ है। अत: जी-20 की धमक पूरे देश में दिखने वाली है। इस लिहाज से करीब 200 तो निर्धारित बैठकें होंगी, जिनमें जी-20 देशों के नुमाइंदे भाग लेंगे। लेकिन, पूरे वर्ष पर्यटकों और राजनयिकों का आना-जाना लगा ही रहेगा।

 भारत जी-20 के प्रमुख की हैसियत से बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई को अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित करेगा। एक मोटे अनुमान के अनुसार अगले दो सालों तक भारत में जी-20 सम्मेलन की तैयारी और सम्मेलन में भाग लेने के लिए राष्ट्राध्यक्षों, विदेश मंत्रियों, राजनयिकों, विदेशी मामलों के जानकारों, पत्रकारों वगैरह का भारत में आना होगा। 200 से ज्यादा हुई बैठकों के फॉलोअप के लिए 2023 के बाद भी यह सिलसिला तो कुछ वर्षों के लिए लगा ही रहेगा। इसलिए बेहतर यही होगा कि सब राज्य अपने-अपने पर्यटन क्षेत्रों को विकसित करें और तैयारी रखें ताकि उन्हें विदेशी मेहमान देखे बिना न जा सकें। राष्ट्राध्यक्षों को भी कुछ पर्यटन स्थलों पर लेकर जाया जाएगा।

 फिलहाल जी-20 सम्मेलन के आलोक में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने आला अफसरों को लगातार निर्देश दे रहे हैं ताकि राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे काशी, आगरा, सारनाथ, अयोध्या, मथुरा आदि में विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करवा दी जाएं। हमारे सामने जी-20 की बदौलत एक अनुपम अवसर है कि हम अपने पर्यटन क्षेत्र को नई बुलंदियों पर ले जाएं। बेहतर तो यह होगा कि इस पुण्य कार्य में सब राज्य सक्रिय हों। अभी सिर्फ यूपी ही सक्रिय लग रहा है।

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