Farmers Protests: किसान आंदोलन जारी, मोदी सरकार परेशान, राहुल गांधी सहित विपक्ष हमलावर
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 10, 2020 01:51 PM2020-12-10T13:51:31+5:302020-12-10T13:59:41+5:30
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘श्रीमान मोदी के कार्यकाल में सुधार, चोरी के जैसा है। इसलिए वे लोकतंत्र से छुटकारा पाना चाहते हैं.’’
देश में जारी किसान आंदोलन से केन्द्र की मोदी सरकार की परेशानी बढ़ती जा रही है, नतीजा यह है कि कभी केवल कृषि कानूनों को समझाने पर फोकस केन्द्र सरकार अब इनमें संशोधन करने को तैयार हो गई है, लेकिन किसान संशोधन के लिए तैयार नहीं हैं, वे केवल इन कानूनों को समाप्त करना चाहते हैं.
किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस पर लगातार निशाना साधा जा रहा है कि वह इसका सियासी फायदा उठाना चाहती है, लेकिन मामला उल्टा है, राहुल गांधी पहले दिन से ही इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं जिसके कारण पूरे देश में इन कानूनों को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
दरअसल, लंबे समय से पीएम मोदी टीम, राहुल गांधी के बेरोजगारी, किसान कानून आदि को लेकर उठाए गए मुद्दों को हल्के में लेती रही है, यही वजह है कि समय रहते मोदी टीम इनके सियासी असर को ठीक से समझ नहीं पाई. आज जो कृषि कानून में संशोधन के प्रस्ताव केन्द्र सरकार दे रही है, यदि ये संशोधन पहले ही कर दिए गए होते तो, यह संकट इतना नहीं गहराता.
बीजेपी सरकार की ओर से किसानों को नजरअंदाज करने के कारण ही आज एक बड़ा बदलाव आया है, पहले तक किसान आंदोलन को सियासत से दूर रखा गया था, किन्तु अब किसान, बीजेपी पार्टी और मंत्रियों के खिलाफ भी प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं.
यदि यह किसान आंदोलन और असरदार होता है, तो इसका बीजेपी को बड़ा सियासी नुकसान इसलिए होगा कि जहां किसान आंदोलन असरदार है, वह बीजेपी के प्रभाव वाला क्षेत्र है. जहां इससे हरियाणा सरकार पर संकट गहरा सकता है, वहीं भविष्य में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में भी यह प्रभावी होगा.
याद रहे, कृषि कानूनों में संशोधनों को लेकर मोदी सरकार के प्रस्ताव आंदोलनरत किसानों को स्वीकार नहीं हैं. किसानों ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि- हमें जो प्रस्ताव मिला है, उसे हम पूरी तरह से रद्द करते हैं. हम 14 दिसंबर को जिला मुख्यालयों को घेरेंगे, पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे. उनका यह भी कहना है कि 12 दिसंबर को जयपुर- दिल्ली हाइवे को रोकेंगे!