गिरीश्वर मिश्र का ब्लॉग: संघर्ष की दुनिया में करुणा के अन्वेषी दलाई लामा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 6, 2020 05:59 AM2020-07-06T05:59:29+5:302020-07-06T05:59:29+5:30

दलाई लामा करुणा के भाव को मानव स्वभाव का अभिन्न अंग मानते हैं और इसे सहयोग की आधारशिला के रूप में देखते हैं. 

Dalai Lama the explorer of compassion in the world conflict | गिरीश्वर मिश्र का ब्लॉग: संघर्ष की दुनिया में करुणा के अन्वेषी दलाई लामा

दलाई लामा (फाइल फोटो)

Highlightsकरुणा और परोपकार के गुण विकसित करके ही मनुष्यता की रक्षा हो सकेगी. भावनाएं मानव स्वभाव के लिए आधार का काम करती हैं.दलाई लामा के अनुसार यह ऐसा आंतरिक मूल्य है जो आपसी सौहार्द का आधार बन सकता और शांति तथा सुख की राह बना सकता है.

तिब्बत के पूर्वोत्तर हिस्से में आज से 85 साल पहले जन्मे बौद्ध धर्मगुरु और आध्यात्मिक व्यक्तित्व के धनी दलाई लामा ने जीवन का अधिकांश समय भारत में शरणार्थी के रूप में बिताया है. वे पंद्रह वर्ष की आयु में चौदहवें दलाई लामा के पद पर विधिवत अभिषिक्त होकर गेलग संप्रदाय के शासन के सर्वोच्च बने थे. चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा करने के बाद सब कुछ छोड़ उन्हें भारत में शरण लेनी पड़ी. तब से आज तक निजी जीवन और दुनिया में उन्होंने न जाने कितने उतार-चढ़ाव देखे.

चीन की विस्तारवादी क्रूरता के चलते ल्हासा के पोटाला महल से विस्थापित होकर उन्होंने भारत में रहते हुए तिब्बत के अस्तित्व की लड़ाई लड़ी, विश्व में खूब भ्रमण किया और बड़े राजनेताओं, धर्म गुरुओं, विद्वानों और आमजनों सबके संपर्क में आते रहे. 

उन्होंने एक बौद्ध चिंतक और मानवता के सेवक के रूप में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है. वे मानते हैं कि दुनिया में बड़े परिवर्तन आए हैं, गरीबी दूर हुई है, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं भी बढ़ी हैं. मानव अधिकार, स्वतंत्नता और लोकतंत्न के विचार सुदृढ़ हुए हैं. 

कई सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं परंतु मानवता के दुख और पीड़ा के कई नए आयाम भी उभरे हैं. जहां अमीर देशों में लोग उपभोग प्रधान जीवन शैली अपना रहे हैं तो करोड़ों लोग मूलभूत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं. संघर्ष अभी भी जारी है. 

पर्यावरण की समस्याओं और रोजी-रोटी के मसलों से लोग जूझ रहे हैं. असमानता, भ्रष्टाचार और अन्याय अभी भी बड़े मुद्दे बने हुए हैं. यह हाल न सिर्फ विकासशील देश में है बल्कि विकसित देशों में भी है. घरेलू हिंसा और शराबखोरी, पारिवारिक बिखराव खूब बढ़ रहा है. 

दलाई लामा इन सबसे चिंतित हैं क्योंकि इन सबके साथ मनुष्य के आचरण से इस पृथ्वी को ही खतरा बढ़ रहा है. दलाई लामा के अनुसार हमारे सोचने के तरीके और आचरण में कुछ खोट आ चुकी है. बाह्य, भौतिक जीवन की ओर तो ध्यान जा रहा है पर नैतिक और आंतरिक मूल्यों की हम उपेक्षा कर रहे हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण है करुणा.

मानव स्वभाव और नैतिकता की तलाश करते हुए दलाई लामा एक सार्वभौम दायित्व का विचार रखते हैं क्योंकि सभी मनुष्य खुशहाली और आनंद की कामना करते हैं. सुख की चाह और दुख को दूर करना सामान्य इच्छा है. तभी अधिक सहिष्णुता और दूसरों की स्वीकृति हो सकेगी. 

इसके लिए मानव जीवन में पारस्परिक सहयोग अनिवार्य है. जो भी जिस भूमिका में है उसकी भूमिकाओं और दायित्वों के बीच पारस्परिक निर्भरता और पारस्परिक सहयोग अनिवार्य है. बिना सहयोग के कोई समाज चल नहीं सकता. दलाई लामा करुणा के भाव को मानव स्वभाव का अभिन्न अंग मानते हैं और इसे सहयोग की आधारशिला के रूप में देखते हैं. 

माता-पिता और शिशु के बीच का संबंध स्वाभाविक रूप से भावनात्मक होता है. इस तरह करुणा का भाव मानव जीवन की एक नैसर्गिक स्थिति है तथापि इसको विकसित करने की जरूरत है. बच्चों के लिए नैतिक शिक्षा अनिवार्य रूप से रखनी चाहिए. तभी वे बड़े होकर समाज और समग्र मानवता को योगदान दे सकेंगे. 

करुणा और परोपकार के गुण विकसित करके ही मनुष्यता की रक्षा हो सकेगी. भावनाएं मानव स्वभाव के लिए आधार का काम करती हैं. उनके बिना एक व्यक्ति के रूप में सुख या संतुष्टि बेमानी हो जाती है. सभी व्यवसाय अंतत: मानव सेवा के लिए ही होते हैं. भाव ही मूल मानवीय गुण है. 

धर्म विशेष की बाध्यताओं से दूर व्यापक करुणा का भाव सबके लिए समान रूप से लागू होता है. यह वैश्विक नैतिकता का एक सबल और ‘सेक्युलर’ आधार है. 

दलाई लामा के अनुसार यह ऐसा आंतरिक मूल्य है जो आपसी सौहार्द का आधार बन सकता और शांति तथा सुख की राह बना सकता है. विगत वर्षो में दलाई लामा ने विश्व के विभिन्न वैज्ञानिकों के साथ नमन, स्वास्थ्य तथा संवेगों को लेकर गहन विचार-विमर्श किया है. 

धर्मशाला में इस तरह के अनेक संवाद आयोजित हुए हैं जिनसे पूर्व और पश्चिम के बीच विचार-विमर्श के दौर चलते रहे हैं. करुणा और शांति के इस प्रवक्ता को शत्-शत् नमन! उनका आध्यात्मिक आलोक मानवता के लिए मार्गदर्शन में सहायक बना रहे.

Web Title: Dalai Lama the explorer of compassion in the world conflict

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे