स्वच्छ ऊर्जा से होगी बेशुमार बचत, हर साल 78 मिलियन टन कोयले के इस्तेमाल को टाल सकता है भारत

By निशांत | Published: January 25, 2023 10:47 AM2023-01-25T10:47:44+5:302023-01-25T10:48:33+5:30

Clean energy can lead to enormous savings for india | स्वच्छ ऊर्जा से होगी बेशुमार बचत, हर साल 78 मिलियन टन कोयले के इस्तेमाल को टाल सकता है भारत

स्वच्छ ऊर्जा से भारत कर सकता है बेशुमार बचत (फाइल फोटो)

भारत ने वर्ष 2025 तक 76 गीगावॉट यूटिलिटी स्केल सौर और पवन बिजली उत्पादन क्षमता विकसित करने की योजना बनाई है. इससे भारत 19.5 बिलियन डॉलर (1588 बिलियन रुपए) बचा सकता है. ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर के ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है.

ग्लोबल सोलर पावर ट्रैकर और ग्लोबल विंड पावर ट्रैकर के आंकड़ों के हिसाब से भारत को संभावित रिन्यूएबल ऊर्जा क्षमता के मामले में शीर्ष सात देशों में रखा गया है. अगर यह उम्मीद साकार हुई तो भारत हर साल लगभग 78 मिलियन टन कोयले के इस्तेमाल को टाल सकता है.

भारत की सालाना बचत और भी ज्यादा हो सकती है, बशर्ते कोयले को हटाकर स्वच्छ ऊर्जा को अपनाया जाना देश की आकांक्षाओं से मेल खाता हो. भारत ने वर्ष 2030 तक 420 गीगावॉट सौर एवं पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता जोड़ने का लक्ष्य तय किया है. इससे कोयले से बनी बिजली का उत्पादन टालने से 58 बिलियन डॉलर से ज्यादा की बचत होगी और वर्ष 2030 तक कुल बचत 368 बिलियन डॉलर हो जाएगी.

अगर भारत अपनी सभी पूर्व निर्धारित सौर एवं पवन ऊर्जा परियोजनाओं को पटरी पर लाता है तो मोटे तौर पर इसकी लागत 51 बिलियन डॉलर होगी. मगर ऐसा करने से होने वाली 19.5 बिलियन डॉलर की सालाना बचत से भारत इस लागत को महज ढाई साल में ही वसूल कर सकता है.

भारत वैश्विक स्तर पर संभावित संपूर्ण यूटिलिटी स्केल सोलर पावर में 5 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है. इस मामले में वह चीन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से ही पीछे है. इसके अलावा पवन ऊर्जा की संभावित क्षमता के मामले में वह दुनिया में 17वें पायदान पर है.

Web Title: Clean energy can lead to enormous savings for india

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