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भाजपा का सितारा बुलंद हुआ! वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: November 11, 2020 13:43 IST

भारत के लोगों में मोदी-प्रशासन के प्रति अभी तक भरोसा बना हुआ है. लोगों ने नोटबंदी की विभीषिका, जीएसटी के कुलांचे, कोरोना की महामारी और बेरोजगारी आदि कई समस्याओं का सामना किया लेकिन इसके बावजूद मोदी-सरकार के प्रति उनका विश्वास डिगा नहीं.

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ठळक मुद्दे संभावना कम ही है, फिर भी भाजपा को मिल रही बढ़त किस बात का संकेत कर रही है? नीतीश की सीटें घट रही हैं, जबकि दोनों पार्टियों ने लगभग बराबर संख्या में अपने-अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. नीतीश ही मुख्यमंत्नी बनेंगे लेकिन हो सकता है कि भाजपा में ही मुख्यमंत्नी पद के कुछ दावेदार उठ खड़े हो.

बिहार विधानसभा के चुनाव और मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में हुए उपचुनावों के स्पष्ट नतीजे अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन वोटों की गिनती से जो लहरें पैदा हो रही हैं, उनकी ध्वनि यह है कि भाजपा का सितारा अभी भी बुलंद है.

भारत के लोगों में मोदी-प्रशासन के प्रति अभी तक भरोसा बना हुआ है. लोगों ने नोटबंदी की विभीषिका, जीएसटी के कुलांचे, कोरोना की महामारी और बेरोजगारी आदि कई समस्याओं का सामना किया लेकिन इसके बावजूद मोदी-सरकार के प्रति उनका विश्वास डिगा नहीं.

यह हो सकता है कि बिहार में विपक्ष की सरकार बन जाए, हालांकि उसकी संभावना कम ही है, फिर भी भाजपा को मिल रही बढ़त किस बात का संकेत कर रही है? यह बढ़त इसलिए ज्यादा ध्यातव्य है कि नीतीश की सीटें घट रही हैं, जबकि दोनों पार्टियों ने लगभग बराबर संख्या में अपने-अपने उम्मीदवार खड़े किए थे.

इस वक्त टीवी चैनलों पर वोटों की गिनती से जो अंदाज लगाए जा रहे हैं, यदि वे खरे भी उतरे तो बिहार में सरकार भाजपा और जदयू (नीतीश) की ही बनेगी लेकिन वहां सवाल यह उठेगा कि अब मुख्यमंत्नी कौन बनेगा? क्या नीतीश बनेंगे? शायद वे खुद न बनें. वे केंद्र में मंत्नी बन सकते हैं. वे किसी भी वक्त लोकसभा या राज्यसभा में पहुंच सकते हैं. भाजपा ने वायदा किया था कि इस बार नीतीश ही मुख्यमंत्नी बनेंगे लेकिन हो सकता है कि भाजपा में ही मुख्यमंत्नी पद के कुछ दावेदार उठ खड़े हो.

जो भी बिहार का मुख्यमंत्नी बनेगा, इस बार उसके सामने चुनौतियां काफी भयंकर होंगी. तेजस्वी की जनसभाओं में आए लाखों जवान अब चुप नहीं बैठेंगे. हिंदी राज्यों में बिहार का पिछड़ापन सर्वज्ञात है. यदि राजग की सरकार बनती है तो उस महागठबंधन में जमकर व्यक्तिगत, दलीय, जातीय और वैचारिक खींचतान तो होगी ही, उस सरकार को सबल विपक्ष का भी सामना करना होगा.

नीतीश कुमार पिछले 15 साल में जितने अच्छे और उल्लेखनीय काम कर पाए हैं, उतने भी काम राजग सरकार कर पाएगी या नहीं, यह देखना होगा. सरकार किसी की भी बने, भाजपा सत्ता में रहे या विपक्ष में, बिहार में वह काफी मजबूत शक्ति बन गई है.

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