अवधेश कुमार का ब्लॉग: देश की एकजुटता का संदेश महत्वपूर्ण
By अवधेश कुमार | Published: June 23, 2020 12:23 PM2020-06-23T12:23:53+5:302020-06-23T12:23:53+5:30
किसी भी लोकतांत्रिक देश में फैसला तो सरकार ही करती है, लेकिन ऐसे समय में पूरे देश को विश्वास में लेना और एकजुट करना आवश्यक होता है. यह लोकतंत्र का मान्य सिद्धांत तो है ही, इससे दुश्मनों को भी संदेश मिलता है कि पूरा देश उनके खिलाफ एकजुट हो चुका है. ऐसे संदेशों का विश्व पटल पर भी व्यापक असर होता है. अगर देश एकजुट है तो हमारे मित्र और हमसे सहानुभूति रखने वाले देश भी मुखर होकर आगे आते हैं. इस मायने में मोदी सरकार द्वारा चीन के मामले पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक निस्संदेह महत्वपूर्ण मानी जाएगी.
सच कहा जाए तो सर्वदलीय बैठक इस मायने में एक मील का पत्थर मानी जाएगी क्योंकि राजनीतिक दलों के नेताओं ने आपसी मतभेद भुलाकर खुलकर एकजुट होने का संदेश दिया. ऐसी बैठकों में मूल चार स्तरों की बातें होती हैं. सबसे पहले सरकार तथ्यों के साथ पूरी घटना की सच्चाई से नेताओं को अवगत कराती है. दूसरे, सरकार ने क्या-क्या किया और क्या करने की सोच रही है यह बताती है. तीसरे, राजनीतिक दलों को प्रश्न पूछने और राय देने का पूरा मौका दिया जाता है. और चौथे, सबकी सुनने के बाद प्रधानमंत्री या जो भी मंत्री बैठक की अध्यक्षता करते हैं वे अपनी बातों में सारे सुझावों और प्रश्नों को समाहित करते या उनमें से अवांछितों की अनदेखी करते हुए सबको आश्वस्त करते हैं. चूंकि मामला वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी देश की सीमा तथा अपने जवानों की आहुति का था इसलिए स्वाभाविक ही सबसे पहले बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गलवान घाटी में जो कुछ हुआ उसका पूरा विवरण दिया.
विदेश मंत्री ने उसके बाद घटना के पूर्व और बाद की चीन सहित भारत की सारी कूटनीतिक गतिविधियों से अवगत कराया. साथ ही पूरी स्थिति पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन भी दिया गया. इस प्रेजेंटेशन में हर वो पहलू शामिल था जिसे लेकर सबके मन में प्रश्न उठ रहे थे. इसमें उपग्रह से लिए गए चित्र भी शामिल थे जिसमें बताया गया कि किस तरह चीन ने अपनी ओर गलवान घाटी में सैन्य लामबंदी की और उसकी पूरी सूचना होते हुए हमने क्या जवाबी तैयारी की थी. अंत में प्रधानमंत्री ने जो कुछ कहा उसे पूरे देश ने सुना. सर्वदलीय बैठक का वातावरण बिल्कुल अलग था. इतनी जिम्मेवारी से नेतागण बर्ताव करेंगे इसकी उम्मीद कम ही लोगों को रही होगी. जो ममता बनर्जी सरकार पर हमला करने का कोई अवसर नहीं छोड़तीं उन्होंने कहा कि हम अपने जवानों के साथ हैं और एक हैं.
इस तरह सर्वदलीय बैठक से निकली एकजुटता और चीन से हर स्तर पर निपटने के संकल्प ने देश का माहौल ज्यादा सकारात्मक बनाया है. दुनिया को भी संदेश गया है कि भारत एकजुट होकर चीन के साथ सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर निपटने के लिए खड़ा है.