हैलो.... मैं अरविन्द केजरीवाल बोल रहा हूँ, .... कांग्रेस ने गठबंधन करने से मना कर दिया जी...

By विकास कुमार | Published: February 22, 2019 05:24 PM2019-02-22T17:24:36+5:302019-02-22T18:06:40+5:30

कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ उन्होंने जो भ्रष्टाचार के सबूत जुटाये थे उसे रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के अनशन स्थल पर ही दफना दिया गया है ताकि ईमानदारी और लोकपाल का भूत उनका पीछा नहीं कर पाए. 

Arvind Kejriwal says Congress is not ready for allaince, BJP and PM MODI need to be defeat | हैलो.... मैं अरविन्द केजरीवाल बोल रहा हूँ, .... कांग्रेस ने गठबंधन करने से मना कर दिया जी...

हैलो.... मैं अरविन्द केजरीवाल बोल रहा हूँ, .... कांग्रेस ने गठबंधन करने से मना कर दिया जी...

भारतीय राजनीति में मिस्टर क्लीन की उपाधि धारण करने वाले नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल आज कल हताश और निराश चल रहे हैं. बीते दिन राहुल गांधी के साथ केजरीवाल की मीटिंग हुई लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री कांग्रेस अध्यक्ष को गठबंधन का प्रण नहीं दिला पाए. अरविन्द केजरीवाल को इस बात का अफसोस भी है और उन्होंने इसका खुल कर इजहार भी किया है.

उन्होंने कहा है कि वो मना-मनाकर थक गए लेकिन कांग्रेस गठबंधन के लिए तैयार नहीं हुई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें बीजेपी के खिलाफ एक साझा उम्मीदवार उतारना होगा और वोटों के बंटवारे को रोकना होगा. अरविन्द केजरीवाल के मुताबिक अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन हो जाए तो बीजेपी दिल्ली की सभी 7 सीटों पर चुनाव हारेगी. 

भाजपा को हराने की बेताबी 

भाजपा को हराने की बेताबी और कांग्रेस से मिलने की जल्दबाजी अरविन्द केजरीवाल के नए पॉलिटिकल प्रोजेक्ट का हिस्सा लगता है. कांग्रेस के साथ केजरीवाल के मिलने की ख्वाहिश कोई नई नहीं है. दरअसल यह भारतीय राजनीति के नियो-पॉलिटिकल स्टाइल का सबसे लैटेस्ट वर्जन है. अरविन्द केजरीवाल की राजनीति की बुनियाद ही कांग्रेस विरोध पर खड़ी हुई थी लेकिन उन्होंने समय बीतने के साथ इस पर राजनीतिक अवसरवादिता की नई मंजिल खड़ी कर ली है. 

कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ उन्होंने जो भ्रष्टाचार के सबूत जुटाये थे उसे रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के अनशन स्थल पर ही दफना दिया गया है ताकि ईमानदारी और लोकपाल का भूत उनका पीछा नहीं कर पाए. 

यूपीए 2 के अंतिम वर्षों में जब अन्ना हजारे लोकपाल की मांग को लेकर धरने पर बैठे तो लोगों का विशाल हुजूम दिल्ली के रामलीला मैदान में उमड़ गया था. अन्ना आंदोलन के मंच पर यूपीए सरकार के खिलाफ सबसे बुलंद आवाज अरविन्द केजरीवाल की ही होती थी. राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की मजबूरी दोनों ही दौर में है. 

'नायक' का नया वर्जन 

अरविन्द केजरीवाल जब राजनीति में आये थे तो देश में एक उम्मीद की लहर पैदा हुई. लोगों को लगा था कि बीजेपी और कांग्रेस के राजनीतिक स्टाइल से देश को मुक्ति मिलेगी और सुचिता की राजनीति के जरिये उनका 'नायक' देश को नया दशा और दिशा देगा. लेकिन आज की स्थिति यही है कि नायक उनके साथ मिलने को बेताब है जिसे खलनायक बताकर खुद की राजनीतिक स्थापना की थी. 

Web Title: Arvind Kejriwal says Congress is not ready for allaince, BJP and PM MODI need to be defeat

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