लाइव न्यूज़ :

सातबारा में माता का नाम जोड़ना सराहनीय फैसला

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: May 31, 2024 10:42 IST

पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता के विचार को मजबूत करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने सभी सरकारी दस्तावेजों में माता का नाम शामिल करना एक मई से अनिवार्य कर दिया है।

Open in App
ठळक मुद्देपुरुषों और महिलाओं के बीच समानता के लिए महाराष्ट्र सरकार ने उठाया बेहद मजबूत कदम महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी दस्तावेजों में माता का नाम शामिल करना 1 मई से अनिवार्य कर दिया हैभूमि अभिलेख विभाग ने सातबारा पर आवेदक के नाम के बाद मां का नाम जोड़ने का फैसला किया है

पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता के विचार को मजबूत करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने सभी सरकारी दस्तावेजों में माता का नाम शामिल करना एक मई से अनिवार्य कर दिया है। इसी क्रम में अब भूमि अभिलेख विभाग ने सातबारा पर भी आवेदक के नाम के बाद उनकी मां का नाम जोड़ने का फैसला किया है।

जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल दस्तावेज, संपत्ति दस्तावेज, आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे सभी सरकारी दस्तावेजों पर माता का नाम शामिल करना पहले ही अनिवार्य कर दिया गया है।

महिलाओं के व्यापक और सर्व-समावेशी विकास के मद्देनजर इस फैसले की सराहना की जानी चाहिए। आज भी वैश्विक स्तर पर महिलाओं को पुरुषों की तुलना में आर्थिक भागीदारी के कम अवसर हैं, बुनियादी और उच्च शिक्षा तक उनकी पहुंच कम है। स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए उन्हें अधिक जोखिम उठाना पड़ता है। ऐसे में इस तरह के छोटे-छोटे फैसले बड़ा असर दिखा सकते हैं। इनके दूरगामी परिणाम मिलेंगे।

महिलाओं को उनके अधिकारों की गारंटी देना और उन्हें अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने के अवसर प्रदान करना न केवल लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए, बल्कि हमारे विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भी जरूरी है। आत्मविश्वास से भरी सशक्त महिलाएं और लड़कियां अपने परिवार, समाज और देश के स्वास्थ्य और उत्पादकता में योगदान देती हैं, जिसका लाभ सभी को मिलता है।

माताओं को पर्याप्त महत्व और अधिकार देना एक ऐसी सामाजिक प्रक्रिया है जिससे महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा। उनके लिए सर्वसम्पन्न और विकसित होने हेतु संभावनाओं के नए विकल्प खुल सकते हैं। महिलाएं समाज के लगभग आधे भाग का प्रतिनिधित्व करती हैं लेकिन उनकी कुल-मिलाकर सहभागिता बराबरी की नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेलकूद, कानून, अभियांत्रिकी, प्रबंधन के साथ-साथ राजनीति के क्षेत्र में भी महिलाएं आगे आ रही हैं और अपनी स्थिति को सुधारने के प्रयास में लगी है।

महिलाएं राष्ट्र के विकास में उतना ही महत्व रखती हैं जितना कि पुरुष। अतः देश का समग्र विकास महिलाओं की भागीदारी के बगैर संभव नहीं है। समाज की प्रत्येक आवश्यकता को पूरा करने में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है। ऐसे में इस तरह के सरकारी प्रयास देश के विकास में उनकी सहभागिता को सम्मानित करते हैं।

टॅग्स :महाराष्ट्रएकनाथ शिंदे
Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र नगर निगम चुनावः कांग्रेस को झटका, राजीव सातव की पत्नी और एमएलसी प्रज्ञा सातव भाजपा में शामिल

भारतदेश में 216 बड़े बांधों की सुरक्षा को लेकर गंभीर स्थिति?, गंभीर खामियां, तत्काल मरम्मत की जरूरत

क्राइम अलर्टMaharashtra: नौकरी का झांसा देकर महिला से गैंगरेप, पीड़िता ने दर्ज कराई शिकायत

भारतरघुनाथ धोंडो कर्वे, ध्यास पर्व और डेढ़ सौ करोड़ हो गए हम

भारतMaharashtra Local Body Elections 2026 Dates Announced: 29 निकाय, 2,869 सीट, 3.48 करोड़ मतदाता, 15 जनवरी को मतदान और 16 जनवरी 2026 को मतगणना

भारत अधिक खबरें

भारतPunjab Local Body Election Results: पंजाब में 22 जिला परिषद के 347 क्षेत्र और 153 पंचायत समिति के 2,838 क्षेत्रों में चुनाव, आप ने 63 और 54 फीसदी में विजय पताका लहराई, देखिए कौन जीता?

भारतTelangana GP Polls Results: 4159 ग्राम पंचायतों में से कांग्रेस ने 2,246, बीआरएस ने 1,163 और भाजपा ने सीटें जीतीं

भारतगुरु घासीदास बाबा ने समाज को समानता, सद्भाव और मानवता का दिया संदेश: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

भारतभाजपा में संगठन सर्वोपरि और संगठन ही शक्ति व विचारधारा ही प्राण?, भाजपा बिहार के नव नियुक्त अध्यक्ष संजय सरावगी ने कार्यभार संभाला

भारतदिल्ली में CNG गाड़ियों को बड़ा झटका! अब इन वाहनों को नहीं मिलेगी गैस, निकलने से पहले जरूर देखें ये डॉक्यूमेंट