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वायरल हेपेटाइटिस: जागरूकता ही है सबसे बड़ा बचाव

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: July 28, 2023 12:17 IST

वायरल हेपेटाइटिस, विशेष रूप से इसका बी और सी प्रकार एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन गया है। वायरल हेपेटाइटिस सालाना 13 लाख मौतों के लिए जिम्मेदार है। लिवर कैंसर से संबंधित दो-तिहाई मौतों का कारण हेपेटाइटिस बी और सी है।

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डॉ. चेतन कलाल: वायरल हेपेटाइटिस विभिन्न वायरस के कारण होने वाले लिवर संक्रमण का एक समूह है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई को मनाया जाने वाला विश्व हेपेटाइटिस दिवस, इस बीमारी के बारे में जागरूकता और समझ बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2023 की थीम, ‘वी आर नाट वेटिंग’ वायरल हेपेटाइटिस के मामलों की पहचान करने और तत्काल इलाज कराने के महत्व पर जोर देती है।  

वायरल हेपेटाइटिस, विशेष रूप से इसका बी और सी प्रकार एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन गया है। वायरल हेपेटाइटिस सालाना 13 लाख मौतों के लिए जिम्मेदार है। लिवर कैंसर से संबंधित दो-तिहाई मौतों का कारण हेपेटाइटिस बी और सी है। चौंकाने वाली बात यह है कि हेपेटाइटिस बी से पीड़ित 91% और हेपेटाइटिस सी से पीड़ित 80% लोग अपने संक्रमण से अनजान हैं। दुनिया भर में लगभग 29 करोड़ लोग अपनी स्थिति के बारे में जानकारी के बिना वायरल हेपेटाइटिस के साथ जी रहे हैं। कई देशों में जन्म के समय दिए जाने वाले टीकों की कमी बीमारी के निरंतर प्रसार में योगदान करती है। वर्ष 2030 तक हेपेटाइटिस बी और सी को खत्म करने से लगभग 3।6 करोड़ संक्रमणों को रोका जा सकता है और 1 करोड़ लोगों की जान बचाई जा सकती है।

भारत को हेपेटाइटिस से निपटने में एक महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, लिवर की बीमारी भारत में मृत्यु का दसवां प्रमुख कारण है। भारत में लगभग हर पांच में से एक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार की लिवर की बीमारी से पीड़ित है। देश में वायरल हेपेटाइटिस के लगभग 5 करोड़ वाहक हैं। 

भारत में मानसून के दौरान विशेषकर हेपेटाइटिस ए और ई के मामलों में वृद्धि देखी जाती है। जबकि हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी दीर्घकालिक संक्रमण हैं।

अपर्याप्त जागरूकता और सीमित स्क्रीनिंग सुविधाओं सहित विभिन्न कारकों के कारण भारत वायरल हेपेटाइटिस का एक बड़ा बोझ वहन करता है। हालांकि सरकार ने राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम जैसी पहल लागू की है, जो वायरल हेपेटाइटिस के लिए मुफ्त निदान और उपचार प्रदान करती है। बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाना और निवारक उपाय महत्वपूर्ण हैं।

इस विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर, आइए हम वायरल हेपेटाइटिस की पकड़ से मुक्त दुनिया बनाने की अपनी प्रतिबद्धता में एकजुट हों। साथ मिलकर हम हेपेटाइटिस को खत्म कर सकते हैं और सभी के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।

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