वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम: वर्ल्ड कप फाइनल में सुपर ओवर की संकल्पना सही रही

By वीवीएस लक्ष्मण | Published: July 16, 2019 10:25 AM2019-07-16T10:25:47+5:302019-07-16T10:25:47+5:30

लॉर्ड्स पर खेला गया यह खिताबी मुकाबला अपने आप में बेमिसाल रहा। बेशक, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड ने खेल का बढ़िया नजारा पेश किया।

VVS Laxman Column on ICC World Cup Final and Super Over | वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम: वर्ल्ड कप फाइनल में सुपर ओवर की संकल्पना सही रही

वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम: वर्ल्ड कप फाइनल में सुपर ओवर की संकल्पना सही रही

वाह! क्या फाइनल था! रविवार को लॉर्ड्स पर खेला गया यह खिताबी मुकाबला अपने आप में बेमिसाल रहा। बेशक, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड ने खेल का बढ़िया नजारा पेश किया। दुर्भाग्यवश, आखिरकार किसी एक को विजेता घोषित किया जाता है और दूसरी टीम को दूसरे स्थान पर संतोष करना होता है। लेकिन विलियम्सन एंड कंपनी ने क्रिकेट जगत में अपनी अनूठी पहचान बनाई है।

मैं हमेशा ही न्यूजीलैंड क्रिकेट का फैन रहा हूं और विश्व कप में नैतिक मूल्यों, इच्छाशक्ति तथा खेल के प्रतिबद्धता ने उन्हें ऊंचे मुकाम पर पहुंचाया है। बड़ी जद्दोजहद के बाद टीम ने सेमीफाइनल में जगह बनाई। लेकिन बड़े मुकाबलों में निर्णायक मौके पर अपने प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार करते हुए टीम जुझारू खेल भावना का परिचय दिया।

कप्तान केन विलियम्सन ने टीम को बेहतर ढंग से हैंडल किया. हालांकि उन्हें बल्लेबाजों से अपेक्षा के अनुरूप सहयोग नहीं मिल पाया लेकिन गेंदबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया। यह सच है कि टीम को इस सदमे से उबरने में लंबा वक्त लगेगा, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि वह एक मजबूत टीम के रूप में उभरेगी।

जहां इंग्लैंड की बात है, टीम ने गजब का प्रदर्शन किया। शुरुआत से ही टीम को खिताब का तगड़ा दावेदार बताया गया था और उन्होंने पहली बार चैंपियन बनने लायक प्रदर्शन भी किया। वर्ष 2015 के विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद से टीम ने विश्व चैंपियन बनने की दिशा में तैयारी शुरू कर दी थी। इसका सारा श्रेय इयोन मोर्गन और उनकी नेतृत्व क्षमता को दिया जाना चाहिए।

विश्व कप में जीत रातों-रात नहीं मिलती। इसके लिए बड़े योजनाबद्ध ढंग से मेहनत की जरूरत होती है। 

पूरे टूर्नामेंट में बेन स्टोक्स का जलवा रहा। जोस बटलर के साथ शतकीय साझेदारी टूटने के बावजूद स्टोक्स की आंखों में आत्मविश्वास देखा जा सकता था। उन्होंने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बुरे दौर से बेहद शानदार ढंग से वापसी की।

मैं सुपर ओवर की संकल्पना से खुश हूं। हालांकि विजेता का फैसला 'बाउंड्री' की संख्या के बजाय अन्य मापदंडों पर भी तय हो सकता था। शायद 'विकेट हासिल करने' अथवा लीग दौर में टीमों के प्रदर्शन पर भी फैसला किया जा सकता था। लेकिन, प्रतियोगिता राउंड रॉबिन आधार पर कराने का फैसला प्रशंसनीय रहा। शीर्ष चार टीमें शानदार प्रदर्शन सेमीफाइनल में पहुंचीं। इससे बेहतर विश्व कप का रोमांच और कैसे हो सकता था?

Web Title: VVS Laxman Column on ICC World Cup Final and Super Over

क्रिकेट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे