विजय दर्डा का ब्लॉग: हां खान साहब, भारत के कंट्रोल में है क्रिकेट!

By विजय दर्डा | Published: October 18, 2021 09:37 AM2021-10-18T09:37:45+5:302021-10-18T09:37:45+5:30

इमरान खान साहब, आप कह रहे हैं कि विश्व क्रिकेट को भारत कंट्रोल कर रहा है. जी हां, खान साहब! निश्चित ही विश्व क्रिकेट पर भारत का नियंत्रण है और नियंत्रण उन्हीं का होता है जो नियंत्रण करने लायक होते हैं.

Vijay Darda blog: Yes Imran Khan, India controls world | विजय दर्डा का ब्लॉग: हां खान साहब, भारत के कंट्रोल में है क्रिकेट!

आतंक का साथ क्रिकेट के मैदान पर भी पाकिस्तान के लिए पड़ा रहा महंगा (फाइल फोटो)

प्रिय इमरान खान साहब,
आपका दर्द मैं समझ सकता हूं. मैच खेलने से ठीक पहले न्यूजीलैंड यह कह दे कि आपके यहां आतंकी हमले का खतरा है इसलिए मैच नहीं खेल सकते और अपने देश वापस लौट जाए, इंग्लैंड आने से मना कर दे तो पाकिस्तान की भारी किरकिरी स्वाभाविक है. निश्चय ही यह बड़ी शर्मिदगी की बात है. इसके साथ ही मैच से जो मुनाफा होता, जो जेब भरती वह भी गया! इसे कहते हैं कंगाली में आटा गीला होना! ऐसे में बेचैनी और दर्द स्वभाविक है.

जब न्यूजीलैंड की टीम वापस जा रही थी तो मैं सोच रहा था कि आप पाकिस्तान में आतंक की स्थिति पर कुछ बोलेंगे. बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को सुधारने की बात करेंगे. ..लेकिन ये क्या? आपके सूचना मंत्री फवाद चौधरी तो पता नहीं कहां से एक झूठ का पुलिंदा लेकर आ गए कि न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को धमकी भरा संदेश भेजने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डिवाइस और ईमेल आईडी को भारत से संचालित किया जा रहा था. उन्होंने मुंबई के किसी ओमप्रकाश मिश्र पर आरोप भी मढ़ दिया! 

मैं तो समझ ही नहीं पाया कि एक देश का सूचना मंत्री इतनी बड़ी बेवकूफी भरी बात कैसे कर सकता है? अब देखिए न, उसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन रमीज राजा कहने लगे कि सब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की चाल है! हालात आपके देश के बदतर हैं, आतंकियों को आपकी फौज और आईएसआई पाल रही है और आरोप आप भारत पर मढ़ रहे हैं? खुदा का कुछ तो खौफ खाइए..!

अब आप कह रहे हैं कि विश्व क्रिकेट को भारत कंट्रोल कर रहा है. जी हां, खान साहब! निश्चित ही विश्व क्रिकेट पर भारत का नियंत्रण है और नियंत्रण उन्हीं का होता है जो नियंत्रण करने लायक होते हैं. जिनके खिलाड़ी राष्ट्र के लिए अच्छा प्रदर्शन करते हैं. मैं खास तौर पर यहां ‘राष्ट्र’ शब्द का इस्तेमाल कर रहा हूं. हो सकता है कि ये बात आपको समझ में न आए, तो मैं आपको ‘केरी पैकर’ की याद दिलाता हूं. 1977 से 1979 के बीच केरी पैकर ने जब अपनी कई टीमें बनाई थीं तो पाकिस्तान के सारे के सारे खिलाड़ी उसके साथ चले गए थे. याद है न! आप भी उनमें शामिल थे. 

खान साहब, तब भारतीय टीम का एक भी खिलाड़ी केरी पैकर के साथ नहीं गया था क्योंकि हमारे खिलाड़ियों के लिए पैसे से ज्यादा राष्ट्र के लिए खेलने का गौरव महत्वपूर्ण रहा है. जहां तक पाकिस्तान का सवाल है तो यह भी सोचिएगा कि आपके कितने खिलाड़ी पाकिस्तान में रहते हैं और कितने विदेशों में बसे रहते हैं. आप भी तो ज्यादा वक्त विदेश में ही गुजारते थे! 

लगे हाथ आपको भारतीय क्रिकेट के जज्बे की भी याद दिला देते हैं. जिस इंग्लैंड से हमने क्रिकेट खेलना सीखा, टेस्ट क्रिकेट की जीत का पहला स्वाद उसी के खिलाफ चखा. और हां, ये बात तो आपके क्रिकेट पुरखों ने बताई ही होगी कि भारत ने टेस्ट क्रिकेट की पहली सीरीज पाकिस्तान के खिलाफ ही जीती थी.

बहरहाल, अब हम आपको बताते हैं कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इतना मजबूत कैसे हुआ कि विश्व क्रिकेट उसके नियंत्रण में आ गया और आपका देश फिसड्डी रह गया. 

सबसे पहली बात है कि प्रारंभिक दिनों से ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड एक स्वतंत्र संगठन रहा है. खासतौर से पिछले तीस-चालीस वर्षो में इसे जिस तरह से मैनेज किया गया, वह अकल्पनीय है. 1983 में विश्वकप जीतने के बाद हमारे पास पैसा आना शुरू हुआ. हमारे देश की अर्थव्यवस्था बेहतर हुई तो और पैसा आया. 

इन पैसों का हमने अच्छा इस्तेमाल किया. आज हमारे पास हर राज्य में अच्छे स्टेडियम हैं. कश्मीर से कन्याकुमारी तक क्रिकेट खेला जाता है. स्कूल से  लेकर विश्वविद्यालय तक खेल की अच्छी सुविधाएं हैं. उनमें से बच्चे आगे बढ़ते हैं तो राज्य की टीमें हैं. उसके बाद दिलीप ट्राफी से लेकर रणजी ट्रॉफी जैसे लेवल से होकर खिलाड़ी गुजरते हैं. हमारे यहां हर स्तर पर खिलाड़ियों की ग्रूमिंग होती है. हमारे 11 खिलाड़ी खेलते हैं तो पीछे की कतार में और न जाने कितने 11 खिलाड़ी अपनी बारी का इंतजार कर रहे होते हैं. 

हमने आईपीएल के रूप में क्रिकेट का शानदार आकार रचा है. दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए अवसर उपलब्ध कराया है. यह अलग बात है कि पाकिस्तान की हरकतों के कारण हम आपके खिलाड़ियों को इसमें जगह नहीं देते.

आप खुद भी तो कहते रहे हैं कि पाकिस्तान में भी भारत जैसा क्रिकेट इन्फ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए! अब तो आप ही प्रधानमंत्री हैं तो वो क्यों नहीं करते जो आप कहते रहे हैं. जनाब, आपके यहां क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पर सरकार का नियंत्रण है और हालात अराजक हैं. हर जगह राजनीति घुसी हुई है. डोमेस्टिक क्रिकेट आप के यहां तबाह है. जो खिलाड़ी सामने आ पाते हैं, वो उनकी खुद की मेहनत होती है. कोई ग्रूमिंग नहीं है. 

बुरा लगे तो माफ कीजिएगा लेकिन आपके यहां क्रिकेट खिलाड़ियों में भी बड़ा अहंकार रहता है. मनमर्जी रहती है. आपको तो याद ही होगा कि आप खुद तीन बार रिटायर हुए! आप बॉलिंग के सुपरस्टार थे लेकिन 1992 में आपने न जाने किस पिनक में कह दिया कि बैट्समैन के रूप में खेलूंगा. मर्जी होगी तो बॉलिंग करूंगा! खान साहब, हमारे यहां  किसी खिलाड़ी ने कभी ऐसा अहंकार नहीं दिखाया.

हमें तो इस मुकाम पर भी कोई अहंकार नहीं है कि हम विश्व क्रिकेट को अपने पैसों से चला रहे हैं. हम क्रिकेट को परवान चढ़ाने में विश्वास रखते हैं. न्यूजीलैंड आपके यहां से गया और इंग्लैंड की टीम नहीं आई तो इसमें हमारा कोई गुनाह नहीं. खुद को आतंकियों का ठिकाना बनाने का पाप पाकिस्तान ने किया है. क्या आप भूल गए 3 मार्च 2009 का काला मनहूस दिन जब श्रीलंका की टीम पर लाहौर में आतंकवादियों ने हमला किया था. 6 खिलाड़ी घायल हो गए थे और आपकी सुरक्षा एजेंसी के 6 जवानों सहित 8 लोग मारे गए थे. ऐसे में कोई कैसे भरोसा करे आप पर? ..

अपने गिरेबां में झांकिए खान साहब! भारतीय क्रिकेट को आपसे बेहतर कौन जानता है? फिर भी आप तोहमत की भाषा में बात कर रहे हैं? ये क्या आपकी कोई राजनीतिक मजबूरी है या फिर कोई राजनीतिक दबाव? एक खिलाड़ी की भाषा तो ऐसी नहीं हो सकती..!

Web Title: Vijay Darda blog: Yes Imran Khan, India controls world

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