सौरव गांगुली का कॉलम: भारत-साउथ अफ्रीका के बीच दूसरे टेस्ट में ये दो बातें होंगी सबसे अहम
By सौरव गांगुली | Published: October 10, 2019 09:52 AM2019-10-10T09:52:20+5:302019-10-10T09:52:20+5:30
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पुणे में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में दो बातें अहम होंगी।
दक्षिण अफ्रीका के साथ पुणे में गुरुवार से खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में दो बातें अहम होंगी। पहली, विकेट पर घास रहेगी और दूसरी टॉस का फैसला। उपमहाद्वीप में टॉस जीतना भ्रमणकारी टीम के लिए महत्वपूर्ण होता है तो मेजबानों के लिए इसका कोई मायने नहीं होता।
ज्यादातर क्रिकेट प्रेमी और विशेषज्ञ इस बात को लेकर हैरत में होंगे कि पहली पारी में शानदार बल्लेबाजी करने वाली टीम दूसरी पारी में कैसे लड़खड़ा गई। असल में भारतीय विकेटों पर स्थितियां बड़ी तेजी से बदलती हैं और चौथे या पांचवें दिन तक बने रहने के लिए ऊंचे मनोबल के साथ तकनीक भी जरूरी होती है।
तकनीक तो अहम होती ही है लेकिन सबसे बड़ी बात मानसिक मजबूती होती है। उछलती और टर्न लेती हर गेंद पर नजदीकी नजर रखनी होती है। पांचवें दिन हर गेंद तेजी से स्पिन नहीं होती लेकिन एक स्पिन गेंद से बल्लेबाज के लिए अगली गेंद खेलना कठिन हो जाता है। यदि भ्रमणकारी टीम इस चुनौती से पार पाने में नाकाम होती है तो उसके बल्लेबाजों के लिए विकेट पर बने रहना असंभव हो जाता है।
मेरे अतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर के दौरान मैंने कभी दक्षिण अफ्रीका को तीन स्पिनर्स और दो तेज गेंदबाजों के साथ खेलते नहीं देखा। सच कहा जाए तो टीम के पास एक ही तेज गेंदबाज है। वर्नोन फिलैंडर भारतीय पिचों पर धीमा हो जाते हैं। टीम प्रबंधन को चाहिए कि वह एनगिडी को अंतिम एकादश में शामिल कर ताकि टीम को रिवर्स स्विंग कराने में मदद मिल सके। विकेट पर घास को देखते हुए कप्तान डु प्लेसिस भी सोच सकते हैं।
जाहिर है निगाहें रोहित के प्रदर्शन पर टिकी होंगी। उन्होंने टेस्ट में एक सफल बल्लेबाज के रूप में सफलता हासिल की है। बल्लेबाजी के लिए सबसे बढ़िया क्रम टॉप ऑर्डर ही होता है जब गेंद नई और कठिन होती है। पहले टेस्ट में शानदार प्रदर्शन के बाद रोहित अब राहत महसूस कर रहे होंगे। उनके लिए न्यूजीलैंड सीरीज का पहला टेस्ट भी निर्णायक साबित होगा। यदि वह वहां अच्छे रन जोड़ने में सफल हो जाते हैं तो तीनों प्रारूप में विश्व स्तरीय बल्लेबाज के रूप में पहचान बनाने में कामयाब हो जाएंगे।