राम ठाकुर का ब्लॉग: टीम इंडिया के जज्बे को सलाम
By राम ठाकुर | Published: January 20, 2021 10:29 AM2021-01-20T10:29:33+5:302021-01-20T10:47:16+5:30
भारत ने ब्रिस्बेन में खेले गए चौथे टेस्ट मैच के पांचवें दिन रोमांचक जीत दर्ज की। इसी के साथ टीम इंडिया ने सीरीज 1-0 से अपने नाम कर ली...
ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर अजिंक्य रहाणो की अगुवाई में भारतीय युवा ब्रिगेड ने कमाल ही कर दिया. ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में शिकस्त देने का मजा कुछ और ही होता है. और जब बात गाबा की हो, जहां मेजबान पिछले 33 साल से अविजित रहे,भारत ने सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की. यही वह टीम है जिसने एडिलेड में 36 के स्कोर पर ढेर होकर शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज किया था और बाद में नियमित कप्तान कोहली की गैरमौजूदगी तथा धुरंधर गेंदबाजों के चोटिल होने के बावजूद जोरदार वापसी करते हुए 2-1 से सीरीज जीत ली. इसमें मेलबोर्न की जीत और सिडनी में खेले गए तीसरे टेस्ट में हार से बचने के लिए संघर्षपूर्ण प्रदर्शन भी शामिल है.
मूलत: भारत करिश्माई प्रदर्शन करने वालों की भूमि है. खासतौर से क्रिकेट के खेल में ऐसे अनेक धुरंधर खिलाड़ी तैयार हुए हैं जिन्होंने अपने करिश्माई प्रदर्शन के बल पर अच्छे-अच्छों को धूल चटाई है. ऑस्ट्रेलियाई यहीं मात खा गए. सीरीज शुरू होने से पूर्व ही उन्होंने अपना सारा फोकस विराट कोहली पर लगा दिया. एडिलेड में भारत को 36 के स्कोर पर ढेर कर वह पहली लड़ाई तो जीत गए. इसके तुरंत बाद जैसे कोहली पितृत्व अवकाश पर स्वदेश लौट गए तो मेजबान टीम प्रबंधन और खिलाड़ी अपनी जीत को लेकर कुछ ज्यादा ही आश्वस्त हो गए. इसके बाद उनके हौसले उस समय और मजबूत हो गए जब शमी, बुमराह, उमेश यादव, जडेजा और अश्विन चोटिल होकर टीम से बाहर हो गए लेकिन यही बात भारतीय टीम की ताकत बन गई. उनके स्थान पर आए नवोदित खिलाड़ियों ने श्रृंखला की तस्वीर ही बदल डाली. भारत की जीत के यही नए खिलाड़ी नायक बनकर उभरे.
ब्रिस्बेन टेस्ट की बात करें तो यहां स्थितियां इस कदर बदतर थीं कि टीम के पास एक भी अनुभवी गेंदबाज नहीं था. तजुर्बे के नाम पर टीम के पास मोहम्मद सिराज और नवदीप सैनी ही थे जिनमें से सैनी भी पहली पारी में चोटिल हो गए. फलस्वरूप गेंदबाजी का सारा दारोमदार शादरुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज (दोनों के कुल विकेट 13), पदार्पण कर रहे नटराजन एवं वाशिंगटन सुंदर जैसे नौसिखिए गेंदबाजों पर आ गया. लेकिन यही अनजान खिलाड़ियों की फौज गाबा में भारतीय टीम को ऐतिहासिक सफलता दिलाने में निर्णायक साबित हुई. जहां अनुभवी पुजारा और कार्यवाहक कप्तान रहाणो को युवा ओपनर गिल, पंत का साथ मिला तो ठाकुर और सुंदर ने बल्ले से कमाल दिखाते हुए पहली पारी में शतकीय साङोदारी निभाकर टीम को नाजुक दौर से उबारकर ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण की धज्जियां उड़ा दीं.