टूटा अब तक के सभी आईपीएल का रिकॉर्ड, 35 में से 11 मैचों के आखिरी तीन ओवर में बने 50 से ज्यादा रन
By हर्षा भोगले | Published: April 22, 2019 12:14 PM2019-04-22T12:14:13+5:302019-04-22T12:14:13+5:30
आईपीएल 2019 में 35 मुकाबलों में से 11 मौके ऐसे रहे जब आखिरी तीन ओवरों में 50 से अधिक रन बने, जो पिछले चार सीजन में 2,3 या 4 बार ही होता था।
कुछ दिन पहले क्रिकबज लाइव की युवा टीम ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए। केकेआर और आरसीबी के बीच ईडन गार्डंस में हुई पिछली भिड़ंत में हमें असाधारण आक्रामक बल्लेबाजी देखने को मिली। आईपीएल के इस सीजन के 35 मुकाबलों में से 11 मौके ऐसे रहे जब आखिरी तीन ओवरों में 50 से अधिक रन बने।
पिछले चार सीजन की बात करें तो ऐसा महज 2, 3, 4 और छह बार हुआ है। तो क्या आक्रामक बल्लेबाजी एक नए स्तर पर पहुंच गई है? क्या गेंदबाज खेल की एक नई बाधा का सामना कर रहे हैं, जहां आंकड़े उनके विनाश का जश्न मनाते हैं।
आप इसके लिए परीचित कारणों का हवाला दे सकते हैं। जैसे कि बल्लों का बड़ा आकार, सफेद गेंद का अब कम स्विंग होना, सपाट पिच, छोटी बाउंड्री। मगर इनमें से किसी भी कारण में हालिया वर्षों में बहुत अधिक बदलाव नहीं आया है। अभी तक आखिरी तीन ओवर में 50 रन बनाने का कारनामा हर दसवें मैच में दोहराया जाता था, लेकिन इस सीजन में हर तीसरे मुकाबले में हमें ऐसा देखने को मिल रहा है।
क्या यह इसलिए है कि बल्लेबाज अधिक ताकतवर हो गए हैं। अगर आप आधुनिक युग के सबसे निडर बल्लेबाज आंद्रे रसेल को देखें तो ऐसा लगता है, लेकिन दूसरी ओर हार्दिक पंड्या भी हैं जो कद में साधारण हैं और उनके हाथ भी साधारण हाथों जैसे ही हैं।
मतलब सिर्फ आकार ही अकेला आक्रामक बल्लेबाजी का आधार नहीं है। तो फिर क्या है। क्या बल्लेबाजों की मानसिकता में कोई बदलाव हुआ है? क्या वह एक अलग सोच के साथ मैदान में कदम रखते हैं? या वो गेंदबाज की छोटी से छोटी गलती की बड़ी से बड़ी सजा देने में और बेहतर हो गए हैं?
क्या गेंदबाज जिस चीज को करने से डरते हैं, वही चीज कर रहे हैं? या फिर ओस के चलते गीली गेंदों ने गेंदबाजी मुश्किल कर दी है? इसके पीछे कोई एक वजह नहीं हो सकती, लेकिन इस बात की पड़ताल करना बेहद जरूरी है। क्योंकि इसने अच्छी पिचों पर लक्ष्य के पीछा करने के तौर-तरीकों को बदल दिया है।