अयाज मेमन का कॉलम: 'सही टाइमिंग' पर मिली टेस्ट क्रिकेट में रोहित शर्मा को सफलता
By अयाज मेमन | Published: October 6, 2019 10:00 AM2019-10-06T10:00:23+5:302019-10-06T10:00:23+5:30
रोहित शर्मा ने विखाशापट्टनम के खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में 176 बनाए थे, जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 127 रनों की पारी खेली।
रोहित शर्मा ने पदार्पण में बतौर ओपनर टेस्ट की दोनों पारियों में शतक ठोंके। टेस्ट क्रिकेट में उनकी वापसी शानदार रही है। उनकी क्षमता को लेकर किसी को संदेह होने का कोई कारण नहीं है। सफेद गेंद के प्रारूप में अपनी चमक बिखेरने वाले इस अनुभवी खिलाड़ी ने बेहद अच्छी रणनीति के साथ टेस्ट में वापसी की है।
यह उनकी इच्छाशक्ति की जीत है। उनकी कामयाबी भारतीय टीम के लिए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में मददगार साबित होगी। रोहित शर्मा की शैली में विवियन रिचर्ड्स की झलक नजर आती है। बेहद सहज होकर वह रन बटोरते हैं। लिहाजा भविष्य में वह इसी तरह अपनी लय को कायम रखेंगे।
वर्तमान विश्व क्रिकेट में रोहित जैसे चुनिंदा बल्लेबाज हैं। सटीक टाइमिंग उनकी कामयाबी का मंत्र है। अखिरी क्षण पर शॉट खेलने की कला गजब की है। 32 वर्षीय इस होनहार क्रिकेटर का टेस्ट करियर लगभग समाप्ति की राह पर था। पहले दो टेस्ट में शानदार पारियां खेलने के बावजूद उनके लिए स्थायी तौर पर टीम में जगह नहीं मिल पा रही थी।
आखिरकार सलामी बल्लेबाज के रूप में उनकी वापसी शानदार रही। पिछले सत्र में शिखर धवन के खराब फॉर्म के चलते मयंक अग्रवाल सफलता हासिल करने में नाकाम रहे थे। इसके बाद विश्व कप के बाद केएल राहुल भी विफल रहे। नतीजतन, टीम प्रबंधन ने दूसरे ओपनर की खोज शुरू कर दी। इसी दौर में टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं में अनौपचारिक चर्चा शुरू हो गई।
कप्तान कोहली और कोच रवि शास्त्री ने घरेलू सीरीज में रोहित को ओपनर के रूप में उतारने की इच्छा जताई। रोहित टीम का हिस्सा थे। केवल उनके क्रम को बदलना था। इसके बाद विशाखापट्टनम की कहानी सभी देख चुके हैं। शायद भूतकाल की कुछ गलतियों का उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा।
हालांकि, हर व्यक्ति पिछली गलतियों से सीखकर आगे बढ़ता है। विशाखापट्टनम टेस्ट रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है। सभी निगाहें अंतिम दिन टीम की जीत के जश्न पर टिक गई है। बेशक इस जीत में रोहित शर्मा का ऐतिहासिक कारनामा अहम रहेगा।