अयाज मेमन का कॉलम: ऑस्ट्रेलिया पर 'शिकंजा' कसने के लिए टीम इंडिया को करना होगा ये काम
By अयाज मेमन | Published: December 8, 2018 06:11 AM2018-12-08T06:11:22+5:302018-12-08T08:13:23+5:30
भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट में मुकाबला बराबरी का है। पहले दिन मेजबानों का वर्चस्व रहा लेकिन दूसरे दिन मेहमानों ने शानदार वापसी की।
भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट में मुकाबला बराबरी का है। पहले दिन मेजबानों का वर्चस्व रहा लेकिन दूसरे दिन मेहमानों ने शानदार वापसी की। टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर सका। चेतेश्वर पुजारा ने अगर शतकीय पारी नहीं खेली होती तो शायद भारत का स्कोर और भी कम होता।
इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने कमाल की। अभी भी मेजबानों के तीन बल्लेबाज आउट होने बाकी हैं। ट्रेविस हेड अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं। पुजारा की तरह हेड ने भी टीम को संभाला। लिहाजा उत्सुकता यह है कि पहली पारी में बढ़त कौन हासिल करेगा।
टीम इंडिया बढ़त हासिल करने के लिए यकिनन जोरदार प्रयास करेगी लेकिन इस बात का भी ध्यान रखेगी कि ऑस्ट्रेलिया अगर बढ़त हासिल कर लेता है तो वह बहुत अधिक नहीं हो। क्योंकि इस तरह के कांटे के मुकाबलों में बढ़त मनोवैज्ञानिक रूप से काफी अहम साबित होती है। यह मुकाबला कम स्कोर का दिख रहा है। इस लिहाज से भी पहली पारी की बढ़त महत्वपूर्ण साबित होगी।
इसके अलावा तीसरे दिन का पहला सत्र निर्णायक साबित होगा। पहले पूरे सत्र में यदि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज टिक गए और टीम को बढ़त दिलाने में सफल हो गए तो दबाव निश्चित तौर पर भारत पर आएगा। यदि पहले सत्र में भारतीय गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया की पारी का अंत कर देते हैं तो मेहमानों के पास जीत का अवसर होगा.
इस बार भारतीय टीम में गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया है। वहीं, कोहली और पुजारा को छोड़ दिया जाए तो अन्य बल्लेबाज संघर्ष करते हुए ही दिखाई दिए हैं। पहले दिन टॉस जीतकर भारत के पास लगभग 350 रन बनाने का मौका था, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने यह मौका गंवा दिया। इसी के चलते बल्लेबाज आलचकों के निशान पर हैं।
जसप्रीत बुमराह, ईशांत शर्मा, रविचंद्रन अश्विन और मोहम्मद शमी ने नियंत्रित गेंदबाजी की। इस मुकाबले में भारत के पास चार गेंदबाज हैंय़ इन पर कम से कम रन देकर जल्द से जल्द विकेट लेने की जवाबदारी है। अश्विन ने खुद को साबित किया है। पूर्व के प्रदर्शन की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया में उनका प्रदर्शन प्रभावी नहीं रहा। इसके विपरीत अन्य फिरकी गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रेय़ इसी के चलते पूर्व अश्विन की आलोचना होती थी। इस मुकाबले में अश्विन अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे।
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी भले ही कमजोर दिख रही हो, लेकिन मेजबानों को उन्हीं की धरती पर आउट करना इतना आसान नहीं है। इसी के चलते अश्विन का प्रदर्शन काफी सराहनीय है। अब मुकाबले जीतने के लिए भारत को ऑस्ट्रेलियाई टीम को जल्द से जल्द ऑलआउट करना होगा। उनकी बल्लेबाजी कमजोर है, लेकिन गेंदबाजी आक्रमण मजबूत है।
इसी के चलते भारत को संभरकर खेलना होगा। मेजबान टीम को आखिर में बल्लेबाजी करनी है और अगर पिच भी खराब होती है तो इसका लाभ अश्विन को जरुर मिलेगा और यह ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए महंगा साबित होगा। अपनी दूसरी पारी में टी इंडिया अगर 270-300 रन की लीड लेने में कामयाब होती है तो इससे टीम का आत्मविश्वास दोगुना हो जाएगा।