एबी डिविलियर्स का कॉलम: इस तरह जीत के ट्रैक पर लौटी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम

By एबी डिविलियर्स | Published: April 24, 2019 04:39 PM2019-04-24T16:39:40+5:302019-04-24T16:39:40+5:30

जहां तक मेरी बात है तो मैं बैड लक में अधिक विश्वास नहीं रखता। न तो क्रिकेट के मैदान पर और न ही जिंदगी के किसी भी पल के लिए।

Ab de Villiers Column: You make your own fortune | एबी डिविलियर्स का कॉलम: इस तरह जीत के ट्रैक पर लौटी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम

एबी डिविलियर्स का कॉलम: इस तरह जीत के ट्रैक पर लौटी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम

हम दुर्भाग्यशाली रहे। एक ऐसे प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट में जिसमें अधिकतर मुकाबले बेहद रोमांचक पड़ाव पर जाकर खत्म हो रहे हों, ऐसा होना स्वाभाविक भी है। जब चीजें गलत दिशा में जा रही हों तब हारने वाली टीमों और निराश समर्थकों को कहने के लिए यही सबसे आसान बात होती है। जहां तक मेरी बात है तो मैं बैड लक में अधिक विश्वास नहीं रखता। न तो क्रिकेट के मैदान पर और न ही जिंदगी के किसी भी पल के लिए।

जैसा कि कई लोगों ने कहा है, आप अपनी किस्मत खुद बनाते हैं। बेशक जीत—हार का अंतर बेहद कम है। आईपीएल के किसी मैच का नतीजा तब निर्धारित होता है जब गेंद बाउंड्री के करीब किसी फील्डर से थोड़ा सा दूर रह जाती है या डायरेक्ट हिट के वक्त बल्लेबाज क्रीज से बाहर रह जाता है। यहां तक कि आंद्रे रसेल और एमएस धोनी जैसे धुरंधर, जिनके लिए प्रति ओवर 20 रन बनाना भी आसान लगता है, कई बार छक्के और आउट होने के अंतर के बीच नतीजे के गलत साइड पर खड़े नजर आते हैं।

वे अन्य की तुलना में अधिक भाग्यशाली नहीं होते, लेकिन वे अधिक प्रतिभाशाली जरूर हैं। शायद भाग्य के बारे में जो सबसे अधिक शब्द कहे जाते हैं, वो मेरे देश के दक्षिण अफ्रीकी गोल्फर गैरी प्लेयर के हैं। जब उनसे कहा गया कि आप खुशिकस्मत हैं कि खिताब जीत सके। उन्होंने अजीबोगरीब जवाब दिया। उन्होंने कहा, जितना अधिक मैं अभ्यास करता हूं, उतनाही खुशिकस्मत होता हूं। वह सौ फीसदी सही थे। खेलों में या सभी जगह आप कड़ी मेहनत, अच्छी तैयारी और उस पर अमल करने के तरीके से अपना भाग्य खुद बनाते हैं।

2019 में फील्डिंग के भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। यह वो क्षेत्र है जहां शीर्ष पर चल रही टीम और अन्य टीमों के बीच केवल भाग्य का अंतर नहीं है, बल्कि सामूहिक इच्छाशिक्त, एनर्जी और कुछ कर गुजरने के जज्बे का है। किंग्स इलेवन पंजाब को कैच करने के 42 मौके मिले, जिसमें से उसने 88.10 फीसदी की दर से 37 कैच लपके। सीएसके ने 65 में से 57 कैच पकड़े और इस दौरान उसका प्रतिशत 87.70 फीसदी रहा।

निश्चित रूप से ये एक संयोग नहीं है कि अंक तालिका में शीर्ष पर काबिज टीमें वही हैं जिनकी फील्डिंग बेहद अच्छी है। आरसीबी में हमें अच्छी तरह पता है कि फील्डिंग के दौरान हमने महज 60 फीसदी की दर से 50 में से 30 कैच लपके हैं। यह स्वीकार किया जाने वाला प्रदर्शन नहीं है। मगर हम इसमें सुधार के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उम्मीद है कि हम बुधवार को बेंगलुरु में किंग्स इलेवन पंजाब की मेजबानी करते हुए इस सुधार को जारी रखेंगे।

Web Title: Ab de Villiers Column: You make your own fortune

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