ऋषभ मिश्रा का ब्लॉग: डिजिटल करेंसी से आसान हो जाएगा पैसों का लेनदेन

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 5, 2023 10:27 AM2023-01-05T10:27:24+5:302023-01-05T10:31:36+5:30

डिजिटल करेंसी किसी क्रिप्टोकरेंसी की तरह नहीं होगी। इसे आरबीआई की तरफ से लांच किया गया है इसलिए ये देश में कानूनी करेंसी होगी। इस डिजिटल करेंसी की मदद से कोई भी लेनदेन पेमेंट या बिल जमा किया जा सकेगा।

Money transaction will be easier with digital currency | ऋषभ मिश्रा का ब्लॉग: डिजिटल करेंसी से आसान हो जाएगा पैसों का लेनदेन

ऋषभ मिश्रा का ब्लॉग: डिजिटल करेंसी से आसान हो जाएगा पैसों का लेनदेन

Highlightsपिछले साल बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करेंसी को लांच करने का ऐलान किया था।देश में क्रिप्टोकरेंसी के फैलते जाल को रोकने के लिए ये फैसला लिया गया है।डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है, जिसमें पहली है 'सीबीडीसी होलसेल' फिलहाल अभी सीबीडीसी होलसेल की ही शुरुआत की गई है।

शेयर बाजार में अक्सर कहा जाता है 'कैश इज किंग' मतलब कैश ही राजा है। कैश का मतलब सामान्य तौर पर आम लोगों के लिए उन रुपयों से होता है जिसे हम देख सकते हैं, छू सकते हैं या कहीं संभाल कर रख सकते हैं। अधिकांशतः हमारे पास जो नोट होता है। इस नोट की अपनी एक सेल्फ लाइफ होती है। यानी लगातार इस्तेमाल होने की वजह से एक समय के बाद ऐसा हो जाता है कि ये नोट इस्तेमाल करने के लायक नहीं बचता है और फिर इसे बैंक में जमा करने पर इसके बदले बैंक इसी कीमत का दूसरा नोट देता है। 

इसके बाद बैंक इस नोट को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी 'आरबीआई' को भेजता है और आखिर में इस नोट को नष्ट करके इस्तेमाल से बाहर कर दिया जाता है और इसकी जगह इसी कीमत का नया नोट छापा जाता है। हालांकि अब देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन का चलन बढ़ गया है और कैश का इस्तेमाल थोड़ा कम हुआ है। लेकिन अब ऐसे कैश से लेनदेन किया जा सकेगा जिसे न आप छू सकते हैं और न ही ये खराब होगा बल्कि इसे कई वर्षों तक संभालकर भी रख सकते हैं। ये है 'डिजिटल करेंसी' जिसे 'पायलट प्रोजेक्ट' के तौर पर शुरू किया गया है।

पिछले साल बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करेंसी को लांच करने का ऐलान किया था। दरअसल, देश में क्रिप्टोकरेंसी के फैलते जाल को रोकने के लिए ये फैसला लिया गया है। वित्त मंत्री के इस ऐलान के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कई महीनों तक डिजिटल करेंसी पर काम किया और आरबीआई ने डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) को लांच कर दिया। 

इसके लिए एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, यस बैंक, कोटेक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचएसबीसी बैंक को चुना गया है। दरअसल डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है, जिसमें पहली है 'सीबीडीसी होलसेल' फिलहाल अभी सीबीडीसी होलसेल की ही शुरुआत की गई है। इसका इस्तेमाल बड़े वित्तीय संस्थानों जैसे बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां, (यानी एनबीएफसी) और दूसरे बड़े सौदे करने वाले संस्थान करेंगे। 

इसके बाद दूसरी करेंसी 'सीबीडीसी रिटेल' को जारी किया जाएगा। इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए भी कर सकेंगे। इस डिजिटल करेंसी को ऑनलाइन वॉलेट में रखा जा सकता है, इसको जेब में कैश की तरह रखने की भी जरूरत नहीं है। डिजिटल करेंसी किसी क्रिप्टोकरेंसी की तरह नहीं होगी। इसे आरबीआई की तरफ से लांच किया गया है इसलिए ये देश में कानूनी करेंसी होगी। इस डिजिटल करेंसी की मदद से कोई भी लेनदेन पेमेंट या बिल जमा किया जा सकेगा।

Web Title: Money transaction will be easier with digital currency

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