कोको और फ्रीडा काहलो, बाल्जाक और द गॉडफादर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 23, 2025 05:44 IST2025-12-23T05:44:24+5:302025-12-23T05:44:24+5:30

पूजो ने उपन्यास लिखकर खत्म ही किया था, तभी हॉलीवुड के स्टूडियो ‘पैरामाउंट’ के पास कहीं से उसकी पांडुलिपि पहुंच गई थी.

Coco and Frida Kahlo, Balzac and The Godfather Animation studios Disney Pixar film Coco 2 release in 2029 blog sunil soni | कोको और फ्रीडा काहलो, बाल्जाक और द गॉडफादर

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Highlightsडिएगो रिवेरो के साथ तब अतियथार्थवादी चित्रकार के रूप में उभर रहीं फ्रीडा भी थीं.कथन ‘दौलत के किसी भी साम्राज्य के पीछे कोई न कोई अपराध होता है...’ संयोग नहीं कि पूजो और कोपोला, दोनों इतालवी हैं.

सुनील सोनी

2017 में डिज्नी-पिक्सर की मशहूर एनिमेशन फिल्म ‘कोको’ आई, तो उसमें एक पात्र के रूप में फ्रीडा काहलो भी दिखाई दीं. उनकी खास भौंहों के साथ. 1954 में निधन के दशकों बाद उन जैसा फिर मशहूर कौन हुआ होगा? फिल्म निर्देशकों के लिए पाठ्यक्रम लिखनेवाले अवांगार्द फिल्म सिद्धांतकार सर्गेई आइजेंस्टीन ने 1930 में जब ‘मैक्सिको क्रांति’ पर ‘क्यू विवा मैक्सिको’ बनानी शुरू की, तो उनकी प्रेरणा में भित्तिचित्र आंदोलन के स्तंभ डिएगो रिवेरो के साथ तब अतियथार्थवादी चित्रकार के रूप में उभर रहीं फ्रीडा भी थीं.

दुनिया में उनकी लोकप्रियता का पैमाना इसे माना जाए कि 1947 में जब पं. जवाहरलाल नेहरू की विदुषी बहन विजयलक्ष्मी पंडित की बेटियां नयनतारा सहगल और रीता धर उनसे मिलने मैक्सिको सिटी में उनके पैतृक आवास ‘ला कासा अजुल’ पहुंचीं, तो उन्हें साड़ी भेंट की. लोक कला और संस्कृति की पैरोकार फ्रीडा साड़ी पर मोहित हो गईं और उसे पहनकर दोनों बहनों के साथ फोटो खिंचवाई.

पिछले कुछ दशकों में उनके प्रति बढ़ी दीवानगी को ‘फ्रीडोमेनिया’ करार दे दिया गया है, जिसके तहत उनकी ‘बार्बी डॉल’ भी आई. यूं ‘कोको’ में भी उनके चित्रण की आलोचना होती है, पर 20वीं सदी की महत्वपूर्ण इस महिला चित्रकार की बच्चों को कला के असली आयाम सिखाने की दीवानगी को वह श्रद्धांजलि ही है.

सिनेयुग की शुरुआत में ही ‘इवान द टेरिबल’ त्रयी रच देनेवाले आइजेंस्टीन ने फ्रीडा की कला को आरंभ में ही समझ लिया था और ‘क्यू विवा...’ अगर बनी होती, तो वे उसका अभिन्न हिस्सा होतीं. आइजेंस्टीन ने निर्देशन के पाठ लिखे, तो महान फ्रांसीसी साहित्यकार बाल्जाक के ‘ले पेरे गोरियोट’ का उल्लेख किया.

वही किताब, जिसके कथन ‘दौलत के किसी भी साम्राज्य के पीछे कोई न कोई अपराध होता है...’ को मारियो पूजो ने 1969 की बेस्टसेलर ‘द गॉडफादर’ में जस का तस लिया और फ्रांसिस फोर्ड कोपोला ने 1972 में उस पर सिनेमा बनाकर उसे अमर कर दिया. यह संयोग नहीं कि पूजो और कोपोला, दोनों इतालवी हैं.

पूजो ने उपन्यास लिखकर खत्म ही किया था, तभी हॉलीवुड के स्टूडियो ‘पैरामाउंट’ के पास कहीं से उसकी पांडुलिपि पहुंच गई थी. लेकिन, उसे नए अतियथार्थवादी तरीके से परदे पर रचा कोपोला ने. कोपोला भी बचपन में फ्रीडा की तरह पोलियो का शिकार रहे, संगीत के साथ कठपुतलियों से रंगमंच होते हुए सिनेमा तक बेहद संघर्ष के साथ पहुंचे और हॉलीवुड को ‘न्यू हॉलीवुड’ शैली दी.

वुडी एलन, जॉर्ज लुकास, मार्टिन स्कोर्सेसे और स्टीवन स्पिलबर्ग जैसे असरदार फिल्मकारों ने भी यही शैली अपनाई. कोपोला को आइजेंस्टीन का ‘मोंटाज’ बहुत पसंद रहा है और ‘गॉडफादर’ में कई जगह वे इसका अभिभूत होकर इस्तेमाल करते नजर आते हैं.

आइजेंस्टीन की अमेरिकी पत्रकार जॉन रीड की किताब पर आधारित फिल्म ‘वे दस दिन, जब दुनिया हिल उठी’ कोपोला को इतनी पसंद आई थी कि उन्होंने बाकी सब काम छोड़ सिनेमा को अपना माध्यम चुनना तय कर लिया. ‘द गॉडफादर’ तकरीबन तीन साल में बनी और यह जानना चकित कर देनेवाला है कि इन तीन सालों में कोपोला के खिलाफ ‘गॉडफादर’ जितनी ही साजिशें हुईं.

उन्हें कई लोगों को धमकाना; कई को बर्खास्त करना पड़ा. पटकथा लेखन में उनका हाथ शायद ही कोई पकड़ सकता है और पहली ही फिल्म ‘पैटन’ में वे पटकथा का ऑस्कर पा चुके थे. लेकिन, गॉडफादर में उनका मुकाबला खुद मारियो पूजो से था, जिन्हें पैरामाउंट ने समानांतर ढंग से पटकथा लिखने पर लगा दिया था.

कोपोला ने पूजो की कथा को बिल्कुल नए तरीके से लिखा और पहले मसौदे के 150 पन्नों में हर दृश्य का पूरा ब्यौरा भी. कोपोला की तरह स्टूडियो मार्लन ब्रांडो को भी पसंद नहीं करता था. कर्ज चुकाने के लिए खुद कम पैसों पर काम कर रहे कोपोला ने आखिर वीटो के किरदार के लिए मार्लन के नाम पर स्टूडियो को मना ही लिया.

उसके बाद जो हुआ, वह इतिहास है. अब तक ‘द गॉडफादर’ सर्वकालिक प्रभावशाली फिल्मों में से एक मानी जाती है. यूं बाल्जाक की कृतियों के हजारों किरदार रुपहले परदे पर विभिन्न रूपों में आते रहे हैं. कहा जाता है कि उनकी संख्या 250 के आसपास हो सकती है.

‘ला काॅमेडी ह्यूमेन’ में दर्ज 90 उपन्यास, उपन्यासिकाएं, कथाएं मानवीय जीवन के अंधेरे और उजले पक्षों को इतने तरह से दिखाती हैं कि त्रासदियों की अनंत गाथा बन जाती हैं. खुद बाल्जाक को लेकर कई फिल्में बनी हैं, जिनमें से एक का सूत्र चीनी क्रांति से जुड़ता है. अगर कोपोला बाल्जाक पर कुछ बनाएं, तो...

Web Title: Coco and Frida Kahlo, Balzac and The Godfather Animation studios Disney Pixar film Coco 2 release in 2029 blog sunil soni

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