बिहार में भाजपा नेताओं पर हुए लाठीचार्ज मामले पर राजद भी आई सामने, बीजेपी नेताओं पर लगाए आरोप
By एस पी सिन्हा | Published: July 15, 2023 06:08 PM2023-07-15T18:08:34+5:302023-07-15T18:10:21+5:30
राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन में मिर्च को बोरियां नहीं जाती है। मौत किसी की हो दुखद होती है, लेकिन उस मौत को भाजपा वालों ने पीपली लाइव बनाकर रख दिया है।
पटना: बिहार में विधानसभा मार्च में घायल भाजपा के नेताओं पर राजद ने सवाल उठाया है। राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन में मिर्च को बोरियां नहीं जाती है। मौत किसी की हो दुखद होती है, लेकिन उस मौत को भाजपा वालों ने पीपली लाइव बनाकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्या का समाधान भी महागठबंधन सरकार ही करेगी। झा ने कहा कि कई नेताओं ने चुनाव में टिकट हासिल करने के लिए पिटाने का नाटक किया। झूठ में पट्टियां बंधवा लीं। जल्द ही ऐसे लोगों का नाम सामने लाया जाएगा। उन्होंने कहा मीडिया के सवालों का जितना जवाब हमलोग देते हैं, इतने सवाल का जवाब यदि मोदी जी देते तो उनकी तस्वीर लगा कर पूजा करते।
पटना स्थिति राजद कार्यालय में शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मनोज झा ने कहा कि राजद ने भी कई बार प्रदर्शन किया लेकिन मिर्ची पाउडर लेकर नहीं गए। शांतिपूर्ण प्रदर्शन में मिर्ची पाउडर नहीं होता। भाजपा के कार्यालय बड़ी संख्या में बन रहे हैं। ये पैसा कहां से आ रहा है? सीबीआई के लोग तैयार नहीं थे लेकिन तेजस्वी यादव पर चार्जशीट किया गया। उन्होंने भाजपा नेताओं को सलाह दी कि पॉकेट में आईना रखें और हमेशा उसमें अपना चेहरा देखते रहें।
मनोज झा ने कहा कि जो विधान सभा मार्च के न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं उन्हें मणिपुर जाना चाहिए, जहां हजारों घर जल गए और कई लोगों की मौत हुई। इस पर भी पीएम नरेन्द्र मोदी ने कुछ नहीं कहा। मनोज तिवारी के बयान पर कहा कि मैं उन्हें गंभीर नेता नहीं मानता। इसलिए उनके बयान पर कुछ नहीं कहना चाहता। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बिहार और बिहार के सरोकार के लिए हमलोगों ने सदन के बाहर और अंदर लड़ाई लड़ी है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग हम करते रहे हैं। बिहार को अपना हक मिलना चाहिए उसे विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए। लेकिन आज तक इस प्रदेश को उसका वाजिब हक नहीं मिला। जबकि यह मांग बहुत पहले ही पूरी हो जानी चाहिए थी।
रोजगार के मुद्दे पर केंद्र को घेरते हुए कहा कि दो करोड़ प्रतिवर्ष रोजगार देने का वादा किया था। उन वादों का क्या हुआ? अभी तक 2 लाख लोगों को भी रोजगार नही मिला है। उन्होंने कहा कि केन्द्र बिहार को सहानुभूति के भाव से देखे, घृणा के भाव से नहीं। बिहार को उसका हक मिलना चाहिए। पैकेज मिलना चाहिए। पॉलिटिक्स से परे जाकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना चाहिए। भाजपा का सहकारी सरोकार को जगह अहंकारी सरोकार है।