पटनाः बिहार में जारी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के बीच शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर ने यह कहकर माहौल को गर्मा दिया है कि साइंस, गणित और अंग्रेजी के शिक्षक बिहार में नहीं मिल रहे हैं। चन्द्रशेखर ने कहा कि कई विषयों को पढ़ाने के लिए बिहार के छात्र योग्य नहीं है। अब इसको लेकर बिहार के अभ्यर्थियों में आक्रोश देखा जा रहा है।
बता दें कि 23 जून को पटना में हुई महागठबंधन की बैठक के बाद नियमावली में परिवर्तन कर दिया गया। अब पूरे देशभर के छात्र इसमें फार्म भर सकते हैं। शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव के बाद शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट तौर कहा कि बिहार के छात्रों में गणित, साइंस और अंग्रेजी पढ़ाने के लिए बिहार के छात्र योग्य नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि योग्य अभ्यर्थियों के नहीं मिलने के कारण इन विषयों की सीटें खाली रह जातीं थीं। इसके बाद सरकार ने इस तरह का निर्णय लिया है। अब देश के कोई भी अभ्यर्थी इसमें शामिल हो सकते हैं। टैलेंटेड अभ्यर्थी इस बहाली की प्रक्रिया में शामिल होंगे और उनकी बहाली होगी।
इस बीच शिक्षक अभ्यर्थियों ने बिहार में योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने के बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर निशाना साधा। अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री को मानसिक दिवालिया घोषित करते हुए कहा कि मंत्री बिहार के इतिहास का अध्ययन करें।
आर्यभट्ट और चाणक्य की धरती का मंत्री ने अपमान किया है। लाखों अभ्यर्थी बिहार का अपमान नहीं सहेंगे। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शिक्षा मंत्री का विभाग बदलने के लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। अभ्यर्थियों ने चंद्रशेखर को पशुपालन मंत्री बनाने की मांग की है। वहीं, प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है की नीतीश कुमार बिहार के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
जबकि भाजपा विधायक नितिन नवीन ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश पीएम बनने की लालसा में बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ मजाक कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 1 लाख 70 हजार 461 शिक्षकों इसके लिए बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से विज्ञापन भी निकाल दिया गया है।