पटनाः बिहार में आंगनबाड़ी कर्मियों ने मंगलवार को पटना में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों राजद और जदयू पर जमकर आक्रोश जताया। बड़ी संख्या में पटना पहुंची आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका धरने पर बैठ गईं और सेवा स्थाई करने की मांग करने लगीं। पहले राजद कार्यालय को घेरा।
लेकिन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात नहीं होने पर वह जदयू कार्यालय पहुंच गईं और मंत्री जमा खान को घेर लिया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की। कर्यालय के बाहर मंत्री जमा खान की गाड़ी के सामने प्रदर्शन करते हुए धरना पर बैठ गईं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों से घिरे मंत्री जमा खान ने उनसे बात की और उनकी समस्याओं से रू-ब-रू हुए।
उनकी मांगों को जानने के बाद अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने आश्वासन दिया कि वे उनकी बातों को मंत्री से मुलाकात कर पहुंचाएंगे। आंगनबाड़ी सेविका हाथ जोड़कर मंत्री के सामने रोने लगीं। इसपर मंत्री ने कहा कि आप अपना ज्ञापन दीजिए। सरकार आपकी मांगों पर विचार करेगी। कई आंगनबाड़ी सेविका उनके सामने लगातार रोती रहीं।
आंगनबाड़ी सेविकाओं का कहना था कि नीतीश सरकार ने सम्मान देने की बात कहकर उन्हें घर से बाहर निकलने को कहा और सरकार के कहने पर वे घर से बाहर निकलीं। लेकिन जो सम्मान मिलना चाहिए था वो हमें नहीं मिल रहा है। प्रदर्शन करने वाली आंगनबाड़ी सेविकाओं का कहना है कि टीकाकरण, भोजन, बच्चों को पढ़ाने समेत सभी काम आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं से लिया जा रहा है।
लेकिन जिस तरह का सम्मान हमें मिलना चाहिए, वो सरकार हमें नहीं दे रही है। वेतन के नाम पर सिर्फ 5950 रुपये मिलते हैं। महंगाई के इस दौर में इतने कम पैसों से घर कैसे चलेगा? इसके पहले आंगनबाड़ी कर्मियों ने राजद कार्यालय को घेरा।
वे अपनी मांगों को लेकर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलने पर अड़ गईं। हालांकि तेजस्वी से उनकी मुलाकात नहीं हुई। आक्रोशित आंगनबाड़ी कर्मियों ने कहा कि वेतन और सरकारी कर्मियों का दर्जा देने की मांग को लेकर हमें तेजस्वी यादव की ओर से आश्वसन दिया था, लेकिन अब वे मिलने से भी इनकार कर रहे हैं।