Bihar News: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को उनकी कुर्सी से हटाने की मांग लगातार तेज होती जा रही है। मंगलवार को महागठबंधन के तमाम एमएलसी अपने ही सरकार के अधिकारी की शिकायत लेकर राजभवन पहुंच गये। महागठबंधन के तमाम एमएलसी के साथ-साथ भाजपा एमएलसी संजय पासवान भी शामिल थे।
15 सदस्यों वाले इस प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि शिक्षा विभाग में केके पाठक तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं। सभी ने राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। शिक्षा विभाग द्वारा पेंशन रोके जाने से नाराज एमएलसी प्रो. संजय कुमार सिंह ने कहा कि सभी जगह स्कूल खुलने का समय सुबह 9.30 होता है और शाम चार बजे छुट्टी का समय है।
लेकिन बिहार में शिक्षा विभाग अलग ही आदेश जारी कर रहा है। यहां नौ बजे स्कूल खुल रहा है। शाम पांच बजे छुट्टी हो रही है। नए शिक्षकों में एक बड़ी संख्या महिलाओं की है। जिन्हें दूर देहातों में नियुक्ति दी गई है। जहां आने-जाने की सुविधा भी नहीं है। नतीजा यह हो रहा है जो महिलाएं शिक्षिका बनी हैं। उनके घर पहुंचते-पहुंचते रात हो जा रही है।
नतीजा यह हो रहा है कि वह लूटी जा रही हैं। जो कहीं से भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इस दौरान संजय कुमार सिंह ने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए कहा कि वह राजभवन इसलिए आए हैं, क्योंकि विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों पर नियंत्रण राज्यपाल का होता है। तमाम एमएलसी का कहना है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की तानाशाही अब नहीं चलेगी।
ये तानाशाही प्रवृति के अधिकारी हैं। शिक्षा विभाग में आपातकाल की स्थिति ला दिये हैं। ऐसे अधिकारी को अविलंब हटाया जाना चाहिए। देश नियम और अधिनियम से चलता है ना कि किसी के तुगलकी फरमान से चलता है। उनका कहना है कि केके पाठक आए दिन नया नया तुगलकी फरमान जारी करते हैं जिससे परेशानी घटती नहीं बल्कि बढ़ जाती है।
विधान पार्षदों में सीपीआई से प्रो. संजय कुमार सिंह, जदयू से संजीव कुमार सिंह, कांग्रेस से मदन मोहन झा, निर्दलीय महेश्वर सिंह, जदयू वीरेंद्र नारायण यादव, भाजपा से सर्वेश कुमार सिंह, राजद से अजय कुमार सिंह, कांग्रेस से समीर कुमार सिंह, राजद से कुमार नागेंद्र, भाजपा से संजय पासवान, जन सुराज से सच्चिदानंद राय, राजद से रामबलि सिंह, कांग्रेस से प्रेमचंद मिश्रा, जन सुराज से अफाक अहमद और जदयू से रेखा कुमारी शामिल।