पटनाः बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन की सरकार में कहने को तो आल इज वेल है, लेकिन अंदरूनी तौर पर सबकुछ ठीक ठाक नजर नही आ रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से विवाद के बाद से एक ओर जहां शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर (23 दिन से!) कार्यालय नहीं आ रहे हैं।
दूसरी ओर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए ट्रांसफर पोस्टिंग को रद्द किए जाने के बाद से मंत्री आलोक मेहता ने भी कार्यालय आना छोड़ दिया है। कहा जा रहा है कि राजस्व विभाग के 480 अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियमानुकूल नही बताते हुए रद्द कर दिया था।
इससे आहत मंत्री आलोक मेहता इन दिनों अपने कार्यालय नहीं आ रहे हैं। हलांकि उनके कार्यालय नहीं आने को लेकर राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने तबीयत का नासाज होना बताया है। उन्होंने कहा कि मंत्री जी बीमार हैं। वो घर पर भी किसी से नहीं मिल रहे हैं। जबकि भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है। पार्टी के विधायक हरिभूषण सिंह बचौल ने कहा कि सरकार ने नूरा-कुश्ती का खेल चल रहा है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से विवाद के बाद शिक्षा मंत्री भी अबतक अपने दफ्तर नहीं आए हैं। अब राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने भी दफ्तर आना छोड़ दिया है। दोनों ही राजद कोटे से सरकार में मंत्री हैं। ये लोग राष्ट्रीय स्तर पर एकजूट होने की बात करतें हैं पर बिहार में सरकार में शामिल रहते हुए भी ये लोग एक साथ नहीं हैं।