Bihar: बिहार में नई सरकार बनने के बाद ग्रिह मंत्री बने सम्राट चौधरी के चेतावनी के बावजूद बेखौफ अपराधियों का मनोबल बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन हत्या, बलात्कार और लूट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी कड़ी में अब बेखौफ अपराधियों ने मंदिर को भी नही छोडा। सारण प्रमंडल के गोपालगंज और छपरा में मंदिर से लूट की सनसनीखेज खबर सामने आई है।
एक ओर जहां गोपालगंज जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल थावे दुर्गा मंदिर में चोरों ने देर रात भीषण चोरी की घटना को अंजाम दिया। चोरों ने मंदिर के गर्भगृह में घुसकर माता दुर्गा की सोने की मुकुट, अन्य कीमती आभूषण और सोने-चांदी से भरे लॉकर चोरी कर लिया। जबकि छपरा शहर के प्राचीन और ऐतिहासिक बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर में हुई चोरी की घटना ने श्रद्धालुओं को झकझोर कर रख दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार थावे मंदिर में चोरी की जानकारी सुबह करीब पांच बजे तब हुई, जब पुजारी मंगला आरती के लिए मंदिर पहुंचे। गर्भगृह का ताला टूटा देख मंदिर प्रशासन में हड़कंप मच गया। मंदिर प्रशासन और श्रद्धालुओं के अनुसार, बीती देर रात अज्ञात चोरों ने मंदिर में घुसकर मां दुर्गा की प्रतिमा से सोने-चांदी का मुकुट, हार, छतरी और अन्य कीमती आभूषण चोरी कर लिए।
देखते ही देखते यह खबर इलाके में फैल गई और श्रद्धालुओं में आक्रोश नजर आने लगा। सूचना मिलते ही गोपालगंज के पुलिस कप्तान अवधेश दीक्षित, एसडीओ अनिल कुमार और सीडीपीओ प्रांजल त्रिपाठी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। जांच के दौरान सामने आया कि रात करीब साढ़े ग्यारह बजे नकाबपोश चोर मंदिर के पीछे से सीढ़ी और रस्सी के सहारे अंदर घुसे। उन्होंने सीधे गर्भगृह को निशाना बनाया और ताला काटकर भीतर प्रवेश किया। इसके बाद ज्वेलरी से भरे लॉकर को उठाकर बाहर निकल गए। चोरों ने चेहरे ढक रखे थे, जिससे पहचान स्पष्ट नहीं हो पा रही है।
मंदिर के पीछे खड़ी एक स्कॉर्पियो गाड़ी में सवार होकर वे फरार हो गए। बताया जाता है कि मंदिर परंपरा के अनुसार रात दस बजे शयन आरती के बाद गर्भगृह बंद कर दिया जाता है। आरती के बाद मां की सभी ज्वेलरी उतारकर लॉकर में सुरक्षित रखी जाती है, जिसकी चाबी मुख्य पुजारी और मंदिर प्रबंधक के पास होती है। इसके बावजूद इतनी बड़ी चोरी होना इस बात की ओर इशारा करता है कि चोरों ने पूरी रेकी के बाद वारदात को अंजाम दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मंदिर के मुख्य गेट पर टीओपी मौजूद है, जहां सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात रहता है।
इसके बावजूद चोरों की गतिविधि किसी की नजर में नहीं आई। फिलहाल पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को बुलाकर जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपराधियों की पहचान की कोशिश की जा रही है। पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने बताया कि चोरी देर रात करीब 11:30 से 12:00 बजे के बीच हुई। दो अज्ञात चोर, जिन्होंने चेहरे पर मास्क लगाया था, मंदिर के पीछे के रास्ते से सीढ़ी का सहारा लेकर अंदर घुसे।
उनके पास कटर था, जिससे उन्होंने मंदिर का ताला काटा और मां दुर्गा की प्रतिमा से सोने का मुकुट, छतरी और अन्य आभूषण चोरी कर लिए। चोरी के बाद चोर उसी रास्ते से फरार हो गए। पुलिस हर एंगल से मामले की जांच में जुटी है और आरोपी की जल्द पहचान और गिरफ्तारी का दावा कर रही है। उन्होंने कहा कि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता से जांच की जा रही है। मंदिर में तैनात निजी सुरक्षा गार्ड की भूमिका की भी समीक्षा की जाएगी, और यदि लापरवाही पाई जाती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा भविष्य में मंदिर की सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया जाएगा।
इधर, छपरा शहर के प्राचीन और ऐतिहासिक बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर में हुई चोरी की घटना ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीती रात अज्ञात चोर मंदिर से जेवरात और दानपात्र में रखी नगदी लेकर फरार हो गए।
शुरुआती आकलन में चोरी की रकम लाखों से करोड़ों रुपये तक होने की आशंका जताई जा रही है। बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर छपरा के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शुमार है, जहां रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे मंदिर में चोरी की घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है. चोरों ने पूरी योजना के साथ वारदात को अंजाम दिया, जिससे साफ है कि उन्हें मंदिर की गतिविधियों और सुरक्षा की कमजोरियों की पूरी जानकारी थी। घटना की सूचना मिलते ही सारण के एसएसपी डॉ. कुमार आशीष स्वयं मंदिर परिसर पहुंचे। उन्होंने पुजारी और मंदिर प्रबंधन से पूरी जानकारी ली।
एसएसपी ने बताया कि मंदिर से कीमती जेवरात और नगदी की चोरी हुई है और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि वारदात में किसी स्थानीय गिरोह की भूमिका तो नहीं है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और जल्द ही चोरी का खुलासा करने का दावा किया जा रहा है। मंदिर में हुई इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर व्यवस्था वाकई गंभीर है या फिर अपराधी ऐसे ही आस्था के केंद्रों को निशाना बनाते रहेंगे।