Bihar Caste-based survey: बिहार सरकार ने विधानसभा में कहा कि बिहार के जाति आधारित सर्वेक्षण के मुताबिक, राज्य के 34.1 फीसदी परिवार गरीब हैं जिनकी मासिक आय 6000 रुपये से कम है। बिहार विधानसभा में पेश जाति सर्वेक्षण के मुताबिक बिहार के 50 लाख से अधिक लोग आजीविका या शिक्षा के लिए राज्य से बाहर रह रहे हैं।
215 अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आर्थिक स्थिति का वर्णन करने वाली पूरी रिपोर्ट और बिहार सरकार के जाति-आधारित सर्वेक्षण के आंकड़ों का दूसरा भाग आज बिहार विधानसभा में पेश किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में अनुसूचित जाति के 42 प्रतिशत से अधिक परिवार गरीब हैं, जबकि सामान्य वर्ग के 25 प्रतिशत लोग गरीब हैं।
बिहार सरकार द्वारा सोमवार को जारी राज्य के जाति आधारित गणना की मुख्य बातें इस प्रकारः
कुल जनसंख्या- 13.07 करोड़
बिहार की जनसंख्या 215 सामाजिक समूहों में विभाजित है
अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) 36 प्रतिशत
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) 27.13 प्रतिशत
सर्वाधिक जनसंख्या वाली 10 जातियाँः
यादव- 14.27 प्रतिशत 1.86 करोड़
दुसाध- 5.31 प्रतिशत 69.43 लाख
चमार -5.25 प्रतिशत 68.69 लाख
कोइरी- 4.2 प्रतिशत 55.06 लाख
मुसहर- 3.08 प्रतिशत 40.35 लाख
ब्राह्मण- 3.65 प्रतिशत 47.81 लाख
राजपूत- 3.45 प्रतिशत 45.10 लाख
कुर्मी- 2.87 प्रतिशत 37.62 लाख
बनिया- 2.3 प्रतिशत 30.26 लाख
कायस्थ- 0.60 प्रतिशत 7.85 लाख
सबसे कम जनसंख्या वाली दस जातियाँः
भास्कर 37
जदुपतिया 93
कोरकू 102
सोता 107
हो 143
ढेकारू 190
पहिरा 226
खेलटा 246
खोंड 303
धरमी 312।