पटनाः बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के द्वारा हर दिन जारी किए जा रहे नए-नए फरमानों से परेशान बिहार के शिक्षक अब आर-पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी कर हैं। अफसरशाही के खिलाफ बिहार के शिक्षक संघ बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में हैं। इसको लेकर आगामी 3 सितंबर को राज्यभर के शिक्षक संघों की बैठक बुलाई गई है।
3 सितंबर को सुबह 11:30 बजे पटना के यूथ हॉस्टल में होने वाली इस बैठक के बाद शिक्षक संघ अफसरशाही के खिलाफ बड़े आंदोलन का ऐलान करेंगे और राज्यभर के स्कूलों में तालाबंदी की घोषणा तक कर सकते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर शिक्षकों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सरकार की फजीहत होनी तय है।
इस बीच शिक्षा विभाग के द्वारा रक्षाबंधन के मौके पर छुट्टी निरस्त किए जाने पर स्कूल तो खुले, लेकिन अधिकतर स्कूलों में बच्चे नहीं आए। वहीं, छुट्टी निरस्त होने से कई सरकारी स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओं ने काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया। क्लास रूम बच्चों के बिना खाली पड़ा रहा। सरकारी स्कूलों का पूरा परिसर बच्चों के बिना विरान दिखा।
जबकि शिक्षक और शिक्षिका काला बिल्ला लगाकर स्कूल परिसर में उपस्थित रहीं। साथ ही बच्चों को नहीं आने पर एमडीएम की लिस्ट को शून्य पर बनाकर वरीय अधिकारी को भेजा गया। बिहटा प्रखंड के लगभग सभी स्कूल विरान ही रहे। न केवल ग्रामीण बल्कि पटना शहर के भी सरकारी स्कूलों से बच्चे अनुपस्थित रहे।
शिक्षिका खासे नाराज दिखीं, भाई को राखी बांधने के बदले स्कूल में बैठकर दिन काटती नजर आईं। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश की बहनें राखी का त्योहार का मना रही हैं, लेकिन हम लोग अपने अपने स्कूलों में ड्यूटी निभा रहे हैं। चाहे बच्चे आए या ना आए।