वर्ल्ड चैंपियन सिंधु के माता-पिता भी रहे हैं स्पोर्ट्स स्टार, जानें पर्सनल लाइफ से लेकर बैडमिंटन करियर तक का सफर
By सुमित राय | Published: August 26, 2019 11:50 AM2019-08-26T11:50:07+5:302019-08-26T11:50:07+5:30
वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल और रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद में हुआ था।
भारत की स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधु ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है। सिंधु वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं। स्विट्जर्लैंड के बसेल में रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में सिंधु ने जापान की नोजोमी ओकुहारा को सीधे सेटों में 21-7, 21-7 से हराया।
सिंधु ने इससे पहले वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में साल 2013 और 2014 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। इसके बाद 2017 और 2018 में सिंधु ने सिल्वर मेडल जीता, लेकिन इस बार सिंधु ने 2017 की वर्ल्ड चैंपियन नोजोमी ओकुहारा को एकतरफा मुकाबले में हरा दिया और गोल्ड पर कब्जा किया। सिंधु की इस उपलब्धि पर आइए हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह से पीवी सिंधु ने अपने करियर की शुरुआत की।
क्या है सिंधु का फैमिली बैकग्राउंड
रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद में हुआ था। सिंधु का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है। सिंधु के पिता पीवी रमन्ना और उनकी माता पी विजया दोनों वॉलीबॉल के अच्छे खिलाड़ी रह चुके हैं। उनके पिता पी रमन्ना को साल 2002 में प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार भी मिल चुका है।
कैसे हुई सिंधु की बैडमिंटन करियर की शुरुआत
सिंधु की बैडमिंटन की शुरुआती ट्रेनिंग महबूब अली से मिली, जो सिकंदराबाद के इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्यूनिकेशन के बैडमिंटन कोर्ट में प्रशिक्षण देते थे। सिंधु को बैडमिंटन में इंट्रेस्ट पुलेला गोपीचंद को देखकर हुआ था, इसके बाद उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। शुरुआती ट्रेनिंग के कुछ समय बाद सिंधु ने पुलेला गोपीचंद की बैडमिंटन एकेडमी ज्वाइन कर ली थी।
कैसे चर्चा में आईं पीवी सिंधु
सिंधु साल 2012 में एशिया यूथ अंडर-19 चैंपियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहरा के हराकर चर्चा में आई थीं। इसके बाद साल 2013 में सिंधु ने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया और ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय महिला बनीं थी। 2013 में ही सिंधु ने कनाडा की मिशेल ली को हराकर मकाउ ओपन ग्रां प्री महिला सिंगल का खिताब भी अपने नाम किया था।
सिंधु का ओलंपिक खेलों में रिकॉर्ड
साल 2016 के ओलंपिक खेलों में सिंधु बैडमिंटन एकल के फाइनल में पहुंचीं, लेकिन उन्हें स्पेन की कैरोलिना मारिन से हार का सामना करना पड़ा। हार के बाद सिंधु को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया और ओलंपिक में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं।
सिंधु को मिल चुके हैं कई अवॉर्ड
सिंधु को साल 2013 में अर्जुन अवॉर्ड, 2015 में भारत के चौथे उच्चतम नागरिक सम्मान पद्मश्री और साल 2016 में राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्होंने साल 2014 में एफआईसीसीआई ब्रेकथ्रू स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर 2014 और एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर 2014 का अवॉर्ड जीता।