गायत्री को नहीं दी जा सकती पुलेला गोपीचंद की बेटी होने की सजा: बैडमिंटन असोसिएशन

By सुमित राय | Published: July 20, 2018 01:18 PM2018-07-20T13:18:40+5:302018-07-20T13:53:09+5:30

बैडमिंटन असोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) ने खिलाड़ियों के सेलेक्शन में भेदभाव के आरोप के बाद चयन का विस्तार करने का फैसला किया है।

Gayathri cannot be penalised for being Pullela Gopichand daughter, says BAI president | गायत्री को नहीं दी जा सकती पुलेला गोपीचंद की बेटी होने की सजा: बैडमिंटन असोसिएशन

Gayathri cannot be penalised for being Pullela Gopichand daughter, says BAI president

नई दिल्ली, 20 जुलाई। बैडमिंटन असोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) ने खिलाड़ियों के सेलेक्शन में भेदभाव के आरोप के बाद चयन का विस्तार करने का फैसला किया है। इसके साथ ही बीएआई ने भारतीय बैडमिंटन टीम में चुनी गई कोच पुलेला गोपचंद की बेटी गायत्री गोपीचंद के सेलेक्शन पर हुए विवाद पर भी सफाई दी है। बता दें कि 9 बार की राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियन शटलर अपर्णा बालन ने आरोप लगाया था कि नेशनल कोच पुलेला गोपीचंद की अकादमी से ही खिलाड़ियो को चुना जा रहा है।

बीएआई के अध्यक्ष हेमंत बिस्वा सरमा ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा है कि गोपीचंद की बेटी गायत्री का सेलेक्शन मेरिट के आधार पर हुआ है और किसी भी खिलाड़ी के आरोप के कारण उन्हें गोपीचंद की बेटी होने की सजा नहीं दी जी सकती।

बता दें कि अपर्णा बालन ने आरोप लगाया था कि सेलेक्शन टूर्नमेंट में लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद उनकी और उनकी महिला युगल जोड़ीदार श्रुति केपी की जानबूझकर अनदेखी की गई। इसके बाद उन्होंने नेशनल कोच गोपीचंद पर हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

दरअसल, इस बार बाइ ने एशियन गेम्स में दो एक्स्ट्रा महिला सिंगल्स खिलाड़ियों को खिलाने का फैसला किया है, जिसके चलते डबल्स की टीम को ड्रॉप कर दिया गया है। इन दो महिला सिंगल्स की खिलाड़ियों में गायत्री गोपीचंद भी शामिल हैं। भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने बेंगलुरु और हैदराबाद में दो अखिल भारतीय सीनियर रैंकिंग टूर्नामेंट आयोजित किए थे और घरेलू खिलाड़ियों को एशियाई खेलों की टीम में जगह बनाने का मौका दिया था।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बीएआई के अध्यक्ष हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि 'गायत्री गोपीचंद को टीम में चुने जाने में पुलेगा गोपीचंद की कोई भूमिका नहीं है। बल्कि वो हितों के टकराव की वजह से अपनी बेटी को टीम में नहीं चाहते थे। लेकिन मेरा मानना है कि गोपीचंद की बेटी होने की सजा गायत्री को नहीं मिलनी चाहिए।

अपर्णा के आरोप और अदालत का दरवाजा खटखटाने पर बिस्वा ने कहा कि बैडमिंटन असोसिएशन ने गायत्री का सेलेक्शन मेरिट के आधार पर किया है और वह अपने फैसले पर अडिग है। ऐसे में देखना होगा कि अदालत का क्या फैसला आता है।

बैडमिंटन असोसिएशन पर उठाए गए इस विवाद पर अपने प्लान के बारे में बात करते हुए बिस्वा ने कहा कि एशियाई खेलों के बाद मैं प्रकाश पादुकोण से मिलकर मध्यस्थ के रूप में काम करने के लिए कहूंगा। वह सम्मानित और तटस्थ हैं। जब अदालत का मामला खत्म हो जाता है, तो मैं उनसे कहूंगा कि कृपया हमें बताएं कि हम कहां गलत हैं।

उन्होंने कहा कि यह समझना होगा कि क्रिकेट के विपरीत, हमारे पास प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद को छोड़कर अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई नाम नहीं हैं। हम पारदर्शिता विकसित कर रहे हैं, लेकिन हमें अपने बैडमिंटन को बढ़ाने के लिए इन आवाजों को सुनना होगा।

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