भारतीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद का बयान, 'लॉकडाउन के कारण कोच और सहयोगी सदस्य गंभीर आर्थिक संकट में फंसे'
By भाषा | Published: June 12, 2020 06:24 PM2020-06-12T18:24:45+5:302020-06-12T18:24:45+5:30
Pullela Gopichand: भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा है कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से पिछले तीन महीने से कोई आमदनी नहीं होने से कोच और सहयोगी सदस्य सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं
मुंबई: भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए देश में पिछले तीन महीने से जारी लॉकडाउन के कारण ‘कोई आय नहीं होने’ से कोच और सहयोगी सदस्य सबसे बुरी तरह प्रभावित होने वाले पेशेवरों में शामिल हैं।
अकादमियों और खेल संस्थाओं के लिए कोष जुटाने के मकसद से गोपीचंद ने अर्जुन पुरस्कार विजेता एथलीटों अश्विनी नचप्पा और मालती होला के साथ मिलकर ‘रन टू द मून’ कार्यक्रम शुरू किया है।
लॉकडाउन में कोच, सपोर्ट स्टाफ सबसे ज्यादा प्रभावित: गोपीचंद
इसमें आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस और एनईबी स्पोर्ट्स इन खिलाड़ियों का सहयोग कर रहा है। गोपीचंद ने कहा, ‘‘लॉकडाउन में पिछले तीन महीनों के दौरान लगभग कोई आय नहीं होने के कारण कोच और स्पोर्ट्स स्टाफ को सबसे ज्यादा परेशानी आई है। हम खेलों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जरूरत के लिए इस पहल का समर्थन और धन जुटाने की उम्मीद करते हैं।’’
कोरोना वायरस प्रसार को रोकने के लिए देश भर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। उस समय से लगभग सभी खेल गतिविधियां ठप्प पड़ी है। इस दौड़ में सभी प्रतिभागियों को कुल मिलाकर 3,84,400 किलोमीटर की दूरी तय करनी है। यह दूरी धरती और चांद के बीच की दूरी है। इस दौड़ की शुरूआत 20 जून को होगी जबकि इसका समापन 20 जुलाई को होगा।
इसमें देश भर के पेशेवर और गैरपेशेवर धावक हजारों की संख्या में भाग लेंगे। दौड़ के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया 18 जून तक जारी रहेगी। इसमें हर धावक को 30 दिनों में न्यूनतम 65 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। पंजीकरण कराने वाले को अपने पसंद की खेल अकादमी को 100 रूपये का दान करना होगा।