Asian Games: भारत को बैडमिंटन सिंगल्स में पहले गोल्ड की तलाश, मेडल का दारोमदार साइना-सिंधु, श्रीकांत के कंधों पर
By अभिषेक पाण्डेय | Published: August 9, 2018 06:34 PM2018-08-09T18:34:15+5:302018-08-09T18:34:34+5:30
Asian Games 2018: भारतीय बैडमिंटन टीम की नजरें एशियन गेम्स में भारत को पहला व्यक्तिगत मेडल दिलाने पर होंगी
नई दिल्ली, 09 अगस्त: साइना नेहवाल, पीवी सिंधु और किदांबी श्रीकांत जैसे स्टार खिलाड़ियों की मौजूदगी में जब भारतीय बैडमिंटन टीम इंडोनेशिया में आयोजित होने वाले एशियन गेम्स 2018 में उतरेगी तो उसकी नजरें इतिहास बदलने पर होंगी। बैडमिंटन को एशियन गेम्स में नियमित तौर पर 1962 के जकार्ता एशियन गेम्स से शामिल किया गया था।
भारत के लिए एशियाई खेलों में अब तक एकमात्र गोल्ड मेडल सैयद मोदी ने जीता था, जब उन्होंने 1982 के दिल्ली एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया था। लेकिन 1952 से आयोजित हो रहे इन खेलों के 56 साल के इतिहास में भारतीय बैडमिंटन का ये प्रदर्शन कतई प्रभावित करने वाला नहीं है।
नजरें सिंधु-साइना और किदांबी श्रीकांत पर
इस बार के खेलों में भारत के पास कम से कम तीन ऐसे खिलाड़ी मौजूद हैं जो पूरी दुनिया में अपने खेल की धाक जमा चुके हैं। साइना नेहवाल और पीवी सिंधु तो ओलंपिक मेडल जीत चुके हैं जबकि पुरुष खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने 2017 में चार सुपर सीरीज जीतते हुए ये कारनामा करने वाले पहला भारतीय बनकर इतिहास रचा था।
भारत ने अब तक सिंगल्स मुकाबलों में जीता है सिर्फ एक पदक
फिर भी जकार्ता एशियन गेम्स में भारतीय बैडमिंटन टीम की राह आसान नहीं होने वाली है। भारत ने एशियन गेम्स 2018 के लिए 10 महिला और 10 पुरुष खिलाड़ियों समेत कुल 20 खिलाड़ियों का दल चुना है। इंचन में 2014 में हुए पिछले एशियन गेम्स में भारतीय महिला टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था जो इन खेलों में उसका 1986 के सियोल एशियन गेम्स के बाद से 32 सालों में भारत का बैडमिंटन में पहला मेडल था।
महिला सिंगल्स में भारत ने नहीं जीता है कोई मेडल
हाल ही में वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाली पीवी सिंधु को उम्मीद है कि इस बार भारतीय टीम न सिर्फ पिछले एशियन गेम्स से बेहतरीन प्रदर्शन करेगी बल्कि अपने मेडल का रंग भी बदलेगी। लेकिन साइना-सिंधु की मौजदूगी के बावजूद भारतीय टीम की राह आसान नहीं होगी। दरअसल, एशियन गेम्स के इतिहास में अब तक भारत ने कभी भी महिला सिंगल्स मुकाबले का मेडल नहीं जीता है। इसलिए साफ है कि साइना-सिंधु को इस सूखे को खत्म करने के लिए इतिहास रचना होगा।
सिंगल्स के अलावा भारत के लिए इस एशियाई खेल में कई बेहतरीन डबल्स खिलाड़ी भी उतरेंगे। जिनमें पुरुष डबल्स में सात्विकराज रानकीरेड्डी और चिराग शेट्टी के अलावा मनु अत्री और सुमीथ रेड्डी की जोड़ी तो महिला डबल्स में अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी और रितुपर्णा पांडा और आरती सारा सुनील की जोड़ियां शामिल हैं।
एशियन गेम्स 2018 के लिए भारतीय बैडमिंटन दल
पुरुष सिंगल्स: किदांबी श्रीकांत, एचएस प्रणॉय
पुरुष डबल्स: सात्विकराज रानकीरेड्डी-चिराग शेट्टी और मनु अत्री-बी सुमीत रेड्डी
पुरुष टीम: किदांबी श्रीकांत, एचएस प्रणॉय, बी साई प्रणीथ, समीर वर्मा, सात्विकराज रानकीरेड्डी-चिराग शेट्टी, बी सुमीत रेड्डी, मनु अत्री, प्रणव जेरी चोपड़ा, सौरभ वर्मा।
महिला सिंगल्स: पीवी सिंधु, साइना नेहवाल
महिला डबल्स: अश्विनी पोनप्पा-एन सिक्की रेड्डी, रितुपर्णा पांडा-आरती सारा सुनील
महिला टीम: पीवी सिंधु, साइना नेहवाल, साई उत्तेजिता राव, अश्मिता चालिहा, आकर्षी कश्यपष, गायत्री गोपीचंद, अश्विनी पोनप्पा, एन सिक्की रेड्डी, रितुपर्णा पांडा, आरती सारा सुनील
एशियन गेम्स: भारतीय बैडमिंटन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
भारत ने बैडमिंटन में अब तक कुल 10 मेडल जीते हैं जिनमें 8 ब्रॉन्ज और एक गोल्ड और एक सिल्वर शामिल है।
भारत के लिए एशियन गेम्स में व्यक्तिगत स्पर्धा का एकमात्र मेडल सैयद मोदी ने 1982 के दिल्ली एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल के रूप में जीता था।
2014 एशियन गेम्स में भारत के लिए बैडमिंटन का एकमात्र मेडल महिला टीम ने ब्रॉन्ज हासिल करते हुए जीता था।
एशियन गेम्स में भारत ने अब तक एक बार भी महिला व्यक्तिगत स्पर्धा का मेडल नहीं जीता है।
भारत को एशियन गेम्स में बैडमिंटन व्यक्तिगत मुकाबलों में अब भी अपने पहले गोल्ड की तलाश है।
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