भारत की स्टार एथलीट दुती चंद बेच रही हैं अपनी BMW कार, क्या मेंटेनेंस है बड़ा कारण?
By रजनीश | Published: July 17, 2020 06:11 AM2020-07-17T06:11:37+5:302020-07-17T06:11:37+5:30
कुछ दिन पहले की ही बात है जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव की मर्सिडीज कार की मरम्मत कराने की जगह राज्य संपत्ति विभाग ने उन्हें नई कार देने का फैसला किया था। क्योंकि उनको मिली सरकारी कार का मेंटनेंस खर्च इतना ज्यादा था कि थोड़ी और कीमत लगाकर एक बेहतरीन लग्जरी कार खरीदी जा सकती थी।
भारत की ज्यादातर आबादी बजट रेंज की कारें ही खरीदते हैं। लेकिन अब लग्जरी कारों की कीमतें भी पहले के मुकाबले थोड़ा सस्ती हो गई हैं। लेकिन लग्जरी कार खरीदने के बाद सबसे बड़ी दिक्कत इनके मेंटेनेंस की है। अब लग्जरी कार के मेंटेनेंस से जुड़ा एक और मामला सामने आया है जब एशियाई खेलों के सिल्वर मेडल विजेता दुती चंद ने हाल ही में खुलासा किया कि काफी ज्यादा मेंटेनेंस लागत होने के कारण वह अपनी बीएमडब्ल्यू (BMW) कार बेच रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कार बेच देने से उनकी माली हालत को थोड़ी राहत मिलेगी।
सामान्य परिवार से ताल्लुक रखनेवाली वाली दुती चंद ने खेल की दुनिया में काफी नाम कमाया। अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स में उपलब्धियों से उनका नाम काफी चर्चित हुआ।
दो साल पहले ही उन्होंने खुद के लिए एक बीएमडब्ल्यू कार खरीदी थी। कथित तौर पर इस कार को खरीदने के लिए उन्होंने अपने पुरस्कारों में मिले पैसों का इस्तेमाल किया था।
हाल ही में, उन्होंने फेसबुक पर ओडिया भाषा में एक संदेश के साथ कार की तस्वीरें पोस्ट की, जिससे पता चला कि वह इसे क्यों बेच रही हैं। फेसबुक पोस्ट के मुताबिक उनके पास ओलंपिक के प्रशिक्षण के लिए संसाधन नहीं थे, इसलिए वे कार बेच रही हैं।
Statement. pic.twitter.com/AHEP3q50Ds
— Dutee Chand (@DuteeChand) July 15, 2020
हालांकि समाचार एजेंसी एएनआई ने बाद में उनके हवाले से कहा कि कार के रखरखाव में होने वाला खर्च उनके लिए एक चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, "अपनी बीएमडब्ल्यू कार को बेचने के लिए मैंने सोशल मीडिया पर लिखा था। मेरे पास लक्जरी कार के रखरखाव के लिए संसाधन नहीं हैं, हालांकि मैं अपनी कार से प्यार करती हूं। मैं इस कार का इस्तेमाल नहीं कर पा रही हूं और इसका बड़ा खर्च मेरे हिस्से है।" "मैंने कभी यह नहीं कहा कि मैं अपने प्रशिक्षण के पैसों के लिए इसे बेच रही हूं।"
दुती चंद ने कहा, "ऐसा नहीं है कि मैं संसाधनों की कमी या अभाव में रहती हूं, लेकिन कार बेचने से जहां एक तरफ मुझे थोड़ी राहत मिल सकती है वहीं दूसरी तरफ KIIT और ओडिशा सरकार पर बोझ नहीं पड़ेगा जो इस कठिन समय में मेरी मदद कर रहे हैं।"