ओला, उबर नहीं कर पाएंगे मनमानी, सरकार तय करेगी किराया, कैंसल करने पर देना होगा इतना जुर्माना

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 10, 2019 12:09 PM2019-08-10T12:09:55+5:302019-08-10T12:09:55+5:30

नए नियमों में सुरक्षा के मद्देनजर इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि कैब बीच रास्ते रुकती है या किसी अलग लोकेशन की और जाती है तो कंट्रोल रूम तक अलर्ट पहुंच जाएगा।

Refusing ride in MP Rs 1000 fine on app based cabs like ola uber and other bike taxi | ओला, उबर नहीं कर पाएंगे मनमानी, सरकार तय करेगी किराया, कैंसल करने पर देना होगा इतना जुर्माना

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsएक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ समय से पूरे राज्य भर में इनका संचालन हो रहा है।इन सर्विस प्रोवाइडर के सभी के लिए अलग-अलग किराए और नियम और शर्तें हैं।

मोबाइल एप के जरिए कैब की सुविधा प्रदान करने वाली कंपनियों की मनमानी पर जल्द ही अंकुश लगाए जाने की संभावना है। कई बार कैब बुक हो जाने गाड़ी नंबर, ड्राइवर की जानकारी आ जाने के बाद भी कंपनी या ड्राइवर की तरफ से कैब कैंसल कर दी जाती है। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार इसी महीने नियम लागू करने की तैयारी में है।

नए नियम के मुताबिक अब कैब कैंसलेशन चार्ज 1 हजार रुपये होगा। प्रदेश के एक अधिकारी के मुताबिक यह पहला मौका होगा जब राज्य सरकार यात्रियों की सुरक्षा और सर्विस क्वालिटी के लिए एप-कैब-प्रोवाइडर के लिए नियम लागू करने जा रही है। इस नियम के मुताबिक कैब के किराये को भी नियंत्रित किया जाएगा। क्योंकि इनके अलग-अलग किराये को लेकर कई शिकायतें भी आती रही हैं।

नए नियमों में सुरक्षा के मद्देनजर इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि कैब बीच रास्ते रुकती है या किसी अलग लोकेशन की और जाती है तो कंट्रोल रूम तक अलर्ट पहुंच जाएगा।

ये नए नियम ओला, उबर जैसी कैब कंपनियों के साथ ही ऑटो, बाइक टैक्सी सर्विस पर भी लागू होगा। इसके साथ ही राज्य सरकार न्यूनतम और अधिकतम किराया भी तय करेगा जिससे यात्रियों को असुविधा न हो।

Web Title: Refusing ride in MP Rs 1000 fine on app based cabs like ola uber and other bike taxi

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