भारत के पहले सार्वजनिक इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग प्लाजा का हुआ उद्घाटन, इलेक्ट्रिक गाड़ियों को होगी आसानी
By रजनीश | Published: July 21, 2020 04:00 PM2020-07-21T16:00:32+5:302020-07-21T16:00:32+5:30
परंपरागत पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन कई मूलभूत समस्याएं इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता में बाधा हैं।
वाहन निर्माता कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल तो काफी समय से भारत में लॉन्च कर रही हैं। लेकिन लोगों के बीच अभी भी इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बहुत ज्यादा नहीं है। इसके पीछे एक बड़ा कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर न होना है। अब एनर्जी एफिशिएंसी (ऊर्जा दक्षता) को बढ़ाने और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में भारत के पहले चार्जिंग प्लाजा का उद्घाटन किया गया है।
भारत के इस पहले चार्जिंग प्लाजा का उद्घाटन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने दिल्ली के चेम्सफोर्ड क्लब में किया। फिलहाल यह प्लाजा 5 चार्जिंग पॉइंट्स के साथ आता है। इसकी शुरुआत से इलेक्ट्रिक व्हीकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
चार्जिंग प्लाजा के उद्घाटन के मौके पर ऊर्जा मंत्री ने कहा "भारत में ई-मोबिलिटी को सर्वव्यापी और सुविधाजनक बनाने के लिए ईवी चार्जिंग प्लाजा एक नई पहल है। इस तरह की अभिनव पहल देश में एक मजबूत ई-मोबिलिटी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए जरूरी है। इसके लिए मैं ईईएसएल और एनडीएमसी दोनों को बधाई देता हूं।"
इस इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग प्लाजा की स्थापना एनर्जी इफीसिएंसी सर्विस लिमिटेड (EESL) ने नई दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल (NDMC) के सहयोग से किया है। ईईएसएल का दावा है कि वह भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग का पता लगाने और ऐसे वाहनों के लिए सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) संचालित करने के नए व्यापार मॉडल की पहचान करने के काम की अगुवाई कर रही है।
एनडीएमसी के सहयोग से ईईएसएल ने मध्य दिल्ली में भारत का पहला सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग प्लाजा स्थापित किया है। इसमें पांच विभिन्न स्पेसिफिकेशन्स वाले इलेक्ट्रिक चार्जर लगाए गए हैं।
इलेक्ट्रिक वाहन अभी भी भारत में एक नवजात अवस्था में हैं। भले ही हाल के दिनों में इसमें तेजी आई हो। दरअसल इलेक्ट्रिक वाहनों की महंगी कीमत, और एक बार चार्जिंग में तय रेंज, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर आदि इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता में एक बड़ी बाधा हैं।
केंद्रीय मंत्री ने ईईएसएल और यूएसएआईडी की संयुक्त पहल - इंडोर एयर क्वालिटी फॉर सेफ्टी एंड एफिशिएंसी में सुधार के लिए एयर कंडीशनिंग व्यवस्था को और सक्षम बनाने की प्रणाली भी लांच की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में तेजी आने से खराब वायु गुणवत्ता को सुधार कर उसे स्वास्थ्य के लिहाज से हरित और बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वह इस पहल की सफलता की कामना करते हैं। उन्होंने ईईएसएल और यूएसएआईडी दोनों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं।
काफी समय से भारत में हवा की खराब गुणवत्ता चिंता का विषय बनी हुई है और विशेष रूप से कोरोना संक्रमण के समय में इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर काम करने वाले लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कार्यस्थलों के भीतर वायु गुणवत्ता बनाए रखना जरुरी है।
इस संदर्भ में, ईईएसएल ने पायलट परियोजना के तौर पर नई दिल्ली के स्कोप भवन में स्थित अपने कार्यालय में एयर कंडीशनिंग और वेंटिलेशन सिस्टम का रेट्रोफिट किया है। यह यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट्स (यूएसएआईडी) के साथ साझेदारी में इमारतों के लिए विकसित की गई ऊर्जा दक्षता और वायु गुणवत्ता में सुधार की पहल है।
ईईएसएल के अनुसार इस पायलट परियोजना के बहुत प्रभावशाली परिणाम दिखे हैं। वायु गुणवत्ता में लगभग 80 फीसदी का सुधार दिखा है। कोविड के मौजूदा दौर में कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ईईएसएल इस प्रणाली को तय मानकों के साथ देशभर में लागू करने का इच्छुक है।
दोनों पहलें विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित "मैं संकल्प लेता हूं" अभियान के तहत ईईएसएल और अन्य प्रमुख हितधारकों द्वारा पर्यावरण संरक्षण और एक लचीले ऊर्जा क्षेत्र के निर्माण की प्रतिज्ञा की पुष्टि करती हैं।