मोदी सरकार निजी इलेक्ट्रिक वाहनों पर नहीं देगी सब्सिडी, सिर्फ व्यावसायिक वाहनों के लिए होगा उपलब्ध
By भाषा | Published: July 20, 2019 12:59 PM2019-07-20T12:59:33+5:302019-07-20T13:02:35+5:30
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजना के बारे में उन्होंने कहा कि बड़े तथा स्मार्ट शहरों में वाहनों को चार्ज करने की संरचना विकसित करने के लिये निकायों से प्रस्ताव मंगाये गये हैं।
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिये दी जाने वाली सब्सिडी सिर्फ व्यावसायिक वाहनों के लिये उपलब्ध होगी। निजी उपयोग के वाहनों को सब्सिडी योजना में शामिल नहीं किया जाएगा। केंद्रीय भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि चाहे बाइक हो, कार हो, ट्रक हो, बस हो या ई-रिक्शा हो, सरकार का अनुमान है कि इन सभी श्रेणियों में देश इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाएगा।
उन्होंने कहा कि पेरिस संधि के तहत कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिये यह बदलाव आवश्यक है। मेघवाल ने भारत ब्रिटेन मोबिलिटी फोरम 2019 में यहां कहा, ‘‘सरकार ने वाणिज्यिक वाहन मालिकों के जरिये इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने की नीयत साफ कर दी है और सिर्फ उन्हें ही प्रोत्साहन मिलेगा।’’
दस हजार करोड़ रुपये की फेम योजना के तहत व्यावसायिक इस्तेमाल के तिपहिया और चौपहिया वाहनों पर सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी निजी इस्तेमाल के दोपहिया वाहनों पर भी मिलती है। विभिन्न वाहन कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों को लोकप्रिय बनाने तथा उन्हें किफायती बनाने के लिये निजी इस्तेमाल वाले वाहनों पर भी सब्सिडी देने की मांग कर रही हैं।
मेघवाल ने इलेक्ट्रिक वाहनों की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ियों को साफ पर्यावरण देने के लिये यह एकमात्र जरिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पेरिस संधि के तहत कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना होगा। भविष्य की पीढ़ियों के लिये यह सही रहेगा कि उन्हें धुआंरहित पर्यावरण मिले। यह हमारा लक्ष्य है।’’
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजना के बारे में उन्होंने कहा कि बड़े तथा स्मार्ट शहरों में वाहनों को चार्ज करने की संरचना विकसित करने के लिये निकायों से प्रस्ताव मंगाये गये हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘2011 की जनगणना के आधार पर 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में चार्जिंग संरचना विकसित करने के उद्देश्य से प्रस्ताव मंगाये गये हैं। शुरुआत में इसके जरिये एक हजार चार्जिंग स्टेशन तैयार करने का लक्ष्य है।’’ मेघवाल ने कहा, ‘‘सरकार इलेक्ट्रिक हाइवे भी बनाना चाहती है। हम इस बारे में काम कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से न सिर्फ वायु प्रदूषण कम होगा बल्कि आयात का खर्च भी कम होगा।’’