इजरायल के खिलाफ एक साथ आए ईरान और पाकिस्तान, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कार्रवाई करने का आह्वान किया
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 24, 2024 04:06 PM2024-04-24T16:06:31+5:302024-04-24T16:07:59+5:30
बीते कुछ समय से पाकिस्तान और ईरान के बीच भी संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। ईरान और पाकिस्तान द्वारा एक दूसरे के कथित आतंकवादी ठिकानों पर बीते महीनों में हमले किए गए थे। अब दोनों मुस्लिम पड़ोसी ईरान और पाकिस्तान संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
नई दिल्ली: ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पाकिस्तान में थे। दोनों देशों ने बुधवार को जारी एक संयुक्त बयान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इज़रायल के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया। इसमें कहा गया कि इजरायल ने "अवैध रूप से" पड़ोसी देशों और विदेशी राजनयिक सुविधाओं को निशाना बनाया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा संयुक्त बयान मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के समय ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की देश की तीन दिवसीय यात्रा के बाद जारी किया गया।
पिछले शुक्रवार को ईरानी शहर इस्फ़हान में विस्फोटों की आवाज़ सुनी गई थी जिसे इज़रायली हमला बताया गया था। हालाँकि तेहरान ने इस घटना को ज़्यादा तवज्जो नहीं दी और कहा कि उसकी जवाबी कार्रवाई की कोई योजना नहीं है।
बता दें कि बीते कुछ समय से पाकिस्तान और ईरान के बीच भी संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। ईरान और पाकिस्तान द्वारा एक दूसरे के कथित आतंकवादी ठिकानों पर बीते महीनों में हमले किए गए थे। अब दोनों मुस्लिम पड़ोसी ईरान और पाकिस्तान संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
इब्राहिम रईसी की पाकिस्तान यात्रा समाप्त हो गई है। उन्होंने बुधवार को श्रीलंका के लिए उड़ान भरी। इससे पहले ईरान और पाकिस्तान के बीच व्यापार को प्रति वर्ष 10 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का फैसला किया गया। रईसी की यात्रा के दौरान ईरान और पाकिस्तान ने व्यापार और ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने का समझौता किया। इसमें एक प्रमुख गैस पाइपलाइन सौदा भी शामिल है। इस पाइपलाईन को भूराजनीतिक मुद्दों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण देरी का सामना करना पड़ा है।
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और पाकिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर की भी मुलाकात हुई। रईसी आठ फरवरी को हुए आम चुनाव के बाद पाकिस्तान की यात्रा करने वाले किसी भी देश के पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं। जनरल मुनीर ने पाकिस्तान-ईरान सीमा को ‘शांति और दोस्ती की सीमा’ बताया और आतंकवादियों को दोनों पड़ोसी देशों के बीच भाईचारे के पुराने संबंधों को खतरे में डालने से रोकने के लिए सीमा पर बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया।