भाजपा में फिर लौटे अरविंदर सिंह लवली, पहले बताया था 'वैचारिक रूप से अनुपयुक्त', ऐसा रहा है पूर्व कांग्रेसी नेता का राजनीतिक सफर
By रुस्तम राणा | Published: May 4, 2024 04:43 PM2024-05-04T16:43:22+5:302024-05-04T17:03:05+5:30
पूर्व कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली शनिवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में भाजपा में शामिल हुए।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच पूर्व कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली एकबार फिर से भाजपा में आ गए हैं। शनिवार को वह केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में भाजपा में शामिल हुए। उनके साथ कांग्रेस के पूर्व विधायक राज कुमार चौहान, नसीब सिंह, नीरज बसोया और पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक भी दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में भगवा पार्टी में शामिल हो गए।
कहा - देश में भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनेगी
भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा, "...हमें भाजपा के बैनर तले और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली की जनता के लिए लड़ने का मौका दिया गया है, इसके लिए मैं शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद करता हूं... मुझे पूरी उम्मीद है कि देश में प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार बनेगी, आने वाले दिनों में दिल्ली में भी भाजपा का परचम लहराएगा।" बता दें कि अरविंदर सिंह लवली ने 28 अप्रैल को दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस में की थी घर वापसी
यह पहली बार नहीं है कि लवली भाजपा में शामिल हुए हैं। इससे पहले साल 2017 में, उन्होंने कुछ समय के लिए पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया था और अप्रैल 2017 में प्रतिद्वंद्वी भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन कुछ महीनों के बाद, वह यह कहते हुए कांग्रेस में लौट आए कि वह भाजपा में 'वैचारिक रूप से अनुपयुक्त' हैं।
चार बार रहे हैं विधायक, शीला दीक्षित की सरकार में रहे मंत्री
अरविंदर सिंह लवली दिल्ली पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। इसके अलावा वह चार बार विधायक भी रहे। लवली ने दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली सरकारों में शहरी विकास और राजस्व मंत्रालय, शिक्षा और परिवहन जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग संभाले थे।
छात्र राजनीति में भी रहे हैं सक्रिय
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से राजनेता गौतम गंभीर (भाजपा) और आतिशी (आप) के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। लवली कॉलेज के दौरान वह छात्र राजनीति में सक्रिय थे। बाद में, 1990 में, उन्हें दिल्ली युवा कांग्रेस के महासचिव के रूप में चुना गया, और फिर 1992 से 1996 तक नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के महासचिव के रूप में कार्य किया।