नाबालिग बेटियों से छेड़छाड़ करने पर मां को आया गुस्सा, आरोपी की हत्या कर पेड़ से लटकाया शव, ऐसे सुलझी मर्डर मिस्ट्री
By अंजली चौहान | Published: May 5, 2024 02:55 PM2024-05-05T14:55:21+5:302024-05-05T14:55:51+5:30
Chhattisgarh Murder: आरोपी महिला की नाबालिग लड़कियों का मृतक पीछा किया करता था।
Chhattisgarh Murder: छत्तीसगढ़ के प्रतापपुर क्षेत्र में हत्या का चौंका देने वाला मामला सामने आया है। सूरजपुर पुलिस ने एक शख्स की हत्या के आरोप में एक महिला, उसके भाई और उसकी दो नाबालिग बेटियों को गिरफ्तार किया है। परिवार की मिली भगत से मरे शख्स को लेकर जब पुलिस ने जांच की तो पूरा सच सामने आया। इस हत्या के पीछे मां और बेटी से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने इसका पर्दाफाश किया है।
पुलिस पूछताछ में आरोपी मां ने कहा कि शख्स उसकी दो नाबालिग बेटियों से छेड़छाड़ करता था और उन्हें परेशान करता है। 1 मई को शख्स ने सारी हदें पार कर दी और वह एक लड़की को एक खाली घर की ओर ले जा रहा था। तभी लड़की मां और उसके परिवार ने इस पर ऐतराज किया। इस दौरान बेटियों के बचाव के लिए उन्होंने शख्स की हत्या कर दी।
गौरतलब है कि घटना प्रतापपुर में घटी जहां शख्स का शव पेड़ से लटका हुआ पाया गया। शव की सूचना जैसे ही पुलिस को मिली वैसे ही जांच शुरू की गई। जांच में सामने आया कि यह मौत गला घोंटने और पिटाई के कारण हुई थी। पुलिस ने हत्या के आरोप में भागमन कोरवा नाम की महिला को पकड़ा जिसने अपने 50 वर्षीय भाई खीरू और 14 और 16 साल की नाबालिग बेटियों के साथ 35 वर्षीय संजय की हत्या करने की बात कबूल की।
क्या है पूरी वारदात की कहानी?
आरोपी मां ने पुलिस को बताया कि संजय उसकी बेटियों का पीछा करता था और पिछले पांच सालों से उसके घर के पास रह रहा था। संजय एक मजदूर के रूप में काम करता था और एक शराबी था, जो अक्सर छोटी-छोटी बातों पर आरोपी परिवार के साथ बहस करता था। 1 मई की रात जब सभी लोग सो रहे थे तो नाबालिग लड़की की चीख सुनकर उनकी नींद खुल गई और वे चिल्लाने की आवाज की ओर दौड़े।
बाहर जाकर देखा तो संजय लड़की को खींचकर अपने घर ले जा रहा था। उसकी हरकत से नाराज महिला और अन्य लोगों ने मिलकर संजय की पिटाई की और रस्सी से उसका गला घोंट दिया। उन्होंने शव को शौचालय के अंदर फेंक दिया और फिर इसे आत्महत्या का रूप देने के लिए एक पेड़ से लटका दिया। महिला और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि नाबालिगों को किशोर सुधार गृह भेज दिया गया।