दिल्ली हाई कोर्ट से व्हाट्सएप ने कहा- "अगर एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा गया तो छोड़ देंगे भारत"
By मनाली रस्तोगी | Published: April 26, 2024 10:18 AM2024-04-26T10:18:38+5:302024-04-26T10:22:16+5:30
व्हाट्सएप ने तर्क दिया कि कंटेंट के एन्क्रिप्शन के साथ-साथ उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता को कमजोर करने वाला कोई भी नियम भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
नई दिल्ली: व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि यदि उसे मैसेज एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो मैसेजिंग प्लेटफॉर्म भारत में बंद हो जाएगा। मेटा के स्वामित्व वाली कंपनी के वकील ने अदालत को बताया, "एक मंच के रूप में हम कह रहे हैं अगर हमें एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा जाता है, तो व्हाट्सएप चला जाता है।"
व्हाट्सएप मामला क्या है?
व्हाट्सएप और फेसबुक की मूल कंपनी मेटा सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 को चुनौती दे रही है, जिसके अनुसार कंपनियों को चैट का पता लगाने और मैसेज प्रवर्तकों की पहचान करने की आवश्यकता है।
व्हाट्सएप ने कोर्ट में क्या कहा?
वकील ने कहा कि लोग व्हाट्सएप का उपयोग बड़े पैमाने पर इसकी गोपनीयता सुविधाओं के कारण करते हैं। व्हाट्सएप ने तर्क दिया कि कंटेंट के एन्क्रिप्शन के साथ-साथ उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता को कमजोर करने वाला कोई भी नियम भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। भारत में व्हाट्सएप के 400 मिलियन से अधिक यूजर्स हैं।
कंपनी के वकील ने कहा, ''दुनिया में कहीं और ऐसा कोई नियम नहीं है। ब्राज़ील में भी नहीं। हमें पूरी चेन रखनी होगी और हमें नहीं पता कि कौन से मैसेज को डिक्रिप्ट करने के लिए कहा जाएगा।' इसका मतलब है कि लाखों-करोड़ों मैसेजों को कई वर्षों तक संग्रहीत करना होगा।"
मेटा सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने भारत पर क्या कहा?
मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने पिछले साल मेटा के वार्षिक कार्यक्रम में एक वर्चुअल संबोधन में कहा था, "भारत एक ऐसा देश है जो सबसे आगे है... लोगों और व्यवसायों ने मैसेजिंग को कैसे अपनाया है, इस मामले में आप दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं।"