ब्लॉग: कृषि क्षेत्र सुनिश्चित करेगा खाद्य सुरक्षा
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: April 20, 2024 10:18 AM2024-04-20T10:18:12+5:302024-04-20T10:20:05+5:30
हाल ही में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत के तेजी से बढ़ते हुए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की अहम भूमिका है।
हाल ही में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत के तेजी से बढ़ते हुए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की अहम भूमिका है। बढ़ते हुए कृषि उत्पादन और ग्रामीण बाजारों में मांग बढ़ने से निजी खपत में भी तेजी आ रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और प्रमुख मौसम एजेंसी स्काईमेट ने कहा है कि अनुकूल मानसूनी मौसम के कारण इस वर्ष 2024 में भारत में अच्छी वर्षा के स्पष्ट संकेत खेती और भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। इसी प्रकार हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के द्वारा कहा गया है कि इस वर्ष 2024 में दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य रहने की उम्मीद है जिससे कृषि गतिविधियों में और तेजी आएगी। ग्रामीण बाजारों में भी मांग बढ़ने से अर्थव्यवस्था को तेज गति मिलेगी।
गौरतलब है कि विभिन्न रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण अधिक खर्च कर रहे हैं। गांवों में न केवल कृषि संबंधी संसाधनों की अधिक बिक्री हो रही है, वरन गांवों में फ्रिज, दुपहिया वाहन और टीवी की खरीदारी सबसे उच्च स्तर पर है। यह सब ग्रामीण भारत में भविष्य के प्रति उत्साह और वर्तमान के बेहतर परिणामों का प्रतीक है। यह भी महत्वपूर्ण है कि भारत में पिछले एक दशक में शहरी परिवारों के मुकाबले ग्रामीण परिवारों का खर्च तेजी से बढ़ा है। ग्रामीण भारत के विकास के लिए सरकारी योजनाओं के तहत किए गए भारी व्यय।
ग्रामीणों के रोजगार की मनरेगा योजना तथा स्वरोजगार की ग्रामीण योजनाओं से ग्रामीण परिवारों की आमदनी में तेज इजाफे के साथ उनकी क्रय शक्ति और मांग में भारी इजाफा हुआ है। इससे ग्रामीण भारत की आर्थिक ताकत बढ़ी है। यद्यपि अभी आम चुनाव के बाद जून 2024 में गठित होने वाली नई सरकार के मूर्तरूप लेने में दो माह बकाया है। लेकिन उच्च प्रशासनिक स्तर पर वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के मकसद से जिन क्षेत्रों के लिए आगामी पांच सालों के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जानी शुरू की गई है उनमें कृषि भी प्रमुख है।
इस समय पूरी दुनिया में भारत को खाद्यान्न का नया वैश्विक कटोरा माना जा रहा है। भारत दुनिया का तीसरा बड़ा खाद्यान्न उत्पादक देश है। दुनिया में कृषि निर्यात में भारत का स्थान सातवां है। हम उम्मीद करें कि लोकसभा चुनाव के बाद गठित होने वाली नई सरकार कृषि एवं ग्रामीण विकास के साथ-साथ कृषि सुधारों की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगी और इससे किसानों व ग्रामीण भारत के चेहरे पर मुस्कुराहट बढ़ते हुए दिखाई दे सकेगी।