(केजेएम वर्मा)
बीजिंग, 23 जुलाई चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अरुणाचल प्रदेश के निकट स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तिब्बती सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा किया, जहां उन्होंने पठार क्षेत्र में ‘‘चिर स्थिरता’’ और ‘‘उच्च स्तरीय विकास’’की जरूरत को रेखांकित किया।
शी बुधवार को तिब्बत पहुंचे थे लेकिन यात्रा की संवेदनशीलता को देखते हुए चीन की आधिकारिक मीडिया ने शुक्रवार को उनकी यात्रा की समाप्त तक इसे छिपाए रखा।
शी शहर के अनेक हिस्सों में भ्रमण के बाद बुधवार को सीधे न्यिंगची पहुंचे जो भारतीय सीमा से ज्यादा दूर नहीं है। इसके बाद वह हाल में शुरू की गई उच्च गतिवाली बुलेट ट्रेन से तिब्बत की राजधानी ल्हासा पहुंचे।
सरकारी समाचार समिति शिन्हुआ के अनुसार ‘‘ देश और पार्टी के इतिहास में पहली बार’’ तिब्बत की शांतिपूर्ण आजादी के 70वर्ष पूरे होने पर शी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र पहुंचे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी यात्रा के दौरान शी ने‘‘तिब्बत को एक नए युग में ले जाने और पठार क्षेत्र में चिर स्थिरता और उच्च गुणवत्ता वाले विकास की नयी इबारत लिखने’’ के लिए चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के दिशानिर्देशों को पूरी तरह से लागू करने पर जोर दिया।
चीन पर दूरस्थ एवं मुख्य रूप से बौद्ध हिमालयी क्षेत्र में सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता को दबाने के आरोप हैं,लेकिन चीन आरोपों को खारिज करता आया है।
सरकारी प्रसारक सीसीटीवी में शी के मेनलिंग एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्हें लोगों के एक समूह का अभिवादन करते दिखाया गया है, इस समूह ने हाथ में चीन के झंडे लिए हुए थे।
चीन के कई नेता समय-समय पर तिब्बत जाते हैं, लेकिन चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और शक्तिशाली केंद्रीय सैन्य आयोग (चीनी सेना का समग्र आलाकमान) के प्रमुख शी हाल के वर्षों में तिब्बत के सीमावर्ती शहर का दौरा करने वाले संभवत: पहले शीर्ष नेता हैं।
न्यिंगची की यात्रा के दौरान शी ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में पारिस्थितिक संरक्षण का निरीक्षण करने के लिए ‘न्यांग रिवर ब्रिज’ गए, जिसे तिब्बती भाषा में ‘यारलुंग ज़ंगबो’ कहा जाता है।
न्यिंगची, तिब्बत में एक प्रांत स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है, जिस दावे को भारत ने हमेशा दृढ़ता से खारिज किया है। भारत-चीन के बीच 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा विवाद है।
शी का यह तिब्बत दौरान भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध के बीच हो रहा है। न्यिंगची, जून में तब चर्चा में आया था, जब चीन ने तिब्बत में अपनी पहली बुलेट ट्रेन का पूरी तरह से संचालन शुरू किया था। यह ट्रेन तिब्बत की प्रांतीय राजधानी ल्हासा को न्यिंगची से जोड़ती है।
रिपोर्ट के अनुसार न्यिंगची में एक सिटी प्लानिंग हॉल, एक गांव और एक पार्क का दौरा करने के बाद शी न्यिंगची रेलवे स्टेशन गए और ट्रेन से ल्हासा रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने रेलवे निर्माण का निरीक्षण भी किया। बृहस्पतिवार को भी शी ल्हासा के निरीक्षण दौरे पर भी गए थे।
इसबीच,चीन के विश्लेषकों का मानना है कि शी की यात्रा दिखाती है कि बीजिंग तिब्बत में आर्थिक विकास को बढ़ाना चाहता है और स्थिरता लाना चाहता है।
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