लाइव न्यूज़ :

‘‘महामारी व राजनीति के कारण शी वैश्विक वार्ता से अनुपस्थिति रहे’’

By भाषा | Updated: November 3, 2021 17:30 IST

Open in App

बीजिंग, तीन नवंबर (एपी) चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग रोम में संपन्न जी 20 शिखर सम्मेलन और स्कॉटलैंड में आयोजित वैश्विक जलवायु वार्ता से अनुपस्थित रहे जिसकी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आलोचना की और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती के लिए चीन की प्रतिबद्धता को लेकर सवाल उठाया।

चीन दुनिया में कार्बन डाइऑक्साइड का सबसे बड़ा उत्सर्जक है और 2030 तक उसने इसमें कमी लाने और 2060 तक कार्बन तटस्थता प्राप्त करने का वादा किया है। अमेरिका और अन्य देशों ने चीन से बड़ी प्रतिबद्धताएं करने का आग्रह किया है, लेकिन शी प्रशासन ने दृढ़ता से कहा है कि केवल राजनीतिक रियायतों के बदले ही ऐसा किया जाएगा।

चीन ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर सख्त यात्रा प्रतिबंध लागू किया है एवं शी जनवरी 2020 में पड़ोसी म्यांमा की यात्रा करने के बाद देश से बाहर नहीं गए हैं।

माना जाता है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीनी शहर वुहान में हुई थी और वहीं से वह दुनिया भर में फैला। महामारी की उत्पत्ति के बारे में अधिक जानकारी देने को लेकर चीन पर भारी दबाव रहा है और उस पर महामारी के कुप्रबंधन तथा अपनी गलतियों को छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया जाता रहा है।

विभिन्न चीनी नेताओं की तरह, शी भी अपनी छवि को लेकर काफी जागरूक हैं और संभावित असहज स्थिति से बचने के लिए उनके सार्वजनिक कार्यक्रमों को सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है। विगत में वह प्रथम महिला पेंग लियुआन के साथ कई महाद्वीपों की यात्रा कर चुके हैं।

रोम और ग्लासगो की बैठकों में शामिल नहीं होने का राष्ट्रपति का निर्णय चीनी नीति के विपरीत प्रतीत होता है। हालांकि शी इन बैठकों से दूर रहने वाले अकेले नहीं नेता हैं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी अपने देश में ही रहे। पुतिन विश्व मामलों में अमेरिकी प्रभाव का विरोध करने में चीन के साथ रहे हैं।

बाइडन ने सोमवार को कहा था कि चीन ने ग्लासगो जलवायु सम्मेलन में भाग नहीं लेकर एक बड़ी गलती की है। उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन के संबंध में चीन की प्रतिक्रिया "ठोस है।" इस क्रम में उन्होंने वनीकरण और नवीकरणीय ऊर्जा में हालिया उपलब्धियों का जिक्र किया।

बीजिंग के रेनमिन विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर शी यिनहोंग ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में टकराव जलवायु परिवर्तन पर दोनों देशों के बीच के सहयोग को जटिल बना रहा है। उन्होंने बैठकों से शी की अनुपस्थिति के लिए महामारी से निपटने के लिए चीन के सख्त दृष्टिकोण को जिम्मेदार ठहराया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतभाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन पहुंचे पटना, किया गया भव्य स्वागत, कहा- बिहार की जीत बंगाल से केरल तक जाएगा यह निश्चित है

भारतकांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जदयू ने कसा तंज, कहा- एक विशेष परिवार में जन्म लेने के कारण कर रहे हैं पार्टी का नेतृत्व

भारतसपा के पीडीए का मतलब पारिवारिक दल एलायंस: यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी

पूजा पाठVaishno Devi Yatra 2026: नए साल में वैष्णो देवी आने वालों पर कई प्रकार की पाबंदियां

भारतदिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर को दी जमानत

विश्व अधिक खबरें

विश्व'अगर भारत ने बांग्लादेश की तरफ बुरी नज़र से देखने की हिम्मत की...': पाकिस्तानी लीडर की युद्ध की धमकी, VIDEO

विश्वढाका में ‘प्रोथोम आलो’ और ‘द डेली स्टार’ कार्यालयों में तोड़फोड़-आगजनी, बांग्लादेशी पत्रकारों ने कहा-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अब मुख्य मुद्दा नहीं, जीवित रहने का अधिकार खतरे में

विश्व2021 में चीन छोड़कर हांगकांग, इक्वाडोर और बहामास होते हुए छोटी नाव से फ्लोरिडा पहुंचा गुआन हेंग?, शिनजियांग के निरोध केंद्रों का गुप्त रूप से वीडियो यूट्यूब पर जारी कर चीनी सच को दिखाया?

विश्वछात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत और दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद भारत के साथ तनाव?, बांग्लादेश ने नयी दिल्ली और त्रिपुरा में वीजा सेवाएं निलंबित कीं

विश्वBondi Beach attack: नफरत की आग में घी किसने डाला?, 45 दिनों में यहूदी विरोधी 365 से ज्यादा घटनाएं